भगवान के प्रिय भक्त को ही कथा सुनने का अवसर प्राप्त होता है : बालक दास
गोरखपुर
गोरखपुर। जिसको ईश्वर का स्नेह प्राप्त होता है, उसे ही कथा सुनने का अवसर भी प्राप्त होता है। पूर्व जन्म का पुण्य ही व्यक्ति को कथा के जरिये संतों के सत्संग का अवसर देता है।
ये बातें कथा व्यास बालकदास ने कहा, वे अंधियारी बाग स्थित श्री मानसरोवर मन्दिर परिसर में चल रहे श्रीशिव महापुराण कथा के चौथे दिन शुक्रवार को व्यास पीठ से शिव की महिमा बखान कर रहे थे।
कथा व्यास ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है, जहां भगवान अवतरित होते है और भक्तों के दु:ख दूर करते है। भारत अवतारों की भूमि है। ईश्वर धर्म के लिए अनेक रूपों में आते है। यहां लक्ष्मी का निवास रहता है, इसलिए इसे सोने की चिड़िया कहा जाता है। *जहां डाल-डाल पर सोने की चिड़िया* ‘ गीत गाकर उन्होंने अपने कथन से श्रद्धालुओं को गहरे जोड़ा । नारी शक्ति की महिमा का वर्णनकरते हुए कथा व्यास ने कहा कि बेटियों का सम्मान करना चाहिए। बेटियां घर की लक्ष्मी होती है। बेटियां ही बहू बनती है, बहू ही जननी बनती है।माता ही सृष्टि को विस्तार करती है। घर में बेटियां अपना भाग्य लेकर पैदा होती है, उनके लिए चिंता नहीं करनी चाहिए। दुर्भाग्य है की बेटियां मां के गर्भ में सुरक्षित नहीं है। कथा को विस्तार देते हुए कथाव्यास ने शिव पार्वती के विवाह के बाद के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि जब भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर पहुंचते है तो सभी शिव गण झूम उठते है और आरती उतारते हैं। भगवान शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं और कहते हैं कि अपना कल्याण चाहने वाले को श्रीराम का भजन करते रहना चाहिए। कोई राम का नाम जपता है तो उस पर मैं अधिक प्रसन्न होता हूँ। इसी प्रसंग के साथ आज की कथा समाप्त हुई।समाप्ति के पूर्व यजमानगण द्वारा व्यासपीठ की आरती हुई।
कथा समाप्ति पर श्रद्धालुओ को प्रसाद वितरित किया गया।
कथा में मुख्य यजमान अरुण कुमार अग्रवाल लाला बाबू, वैद्य अरुण कुमार श्रीवास्तव सहित, पार्षद पवन त्रिपाठी, विनय चतुर्वेदी, विनय गौतम, हनुमान नाथ, पूर्व महापौर डॉ सत्या पाण्डेय, कपिलमुनि सिंह, राकेश सिंह, दीपू यादव आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा में उपस्थित रहे।