फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के एमडीए अभियान को जनांदोलन बनाने की तैयारी
गोरखपुर
शिक्षकों, स्कूली छात्रों, पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों और कोटेदारों के अलावा जोड़े जा रहे कई संगठन
विभिन्न विभागों, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संगठनों की मदद से बड़ी आबादी को दवा खिलाने की तैयारी
गोरखपुर। प्रस्तावित फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान को जनान्दोलन अगस्त में 10 से 28 अगस्त 2023 तक बनाने की तैयारी है। खासतौर से फाइलेरिया प्रभावित ब्लॉक, शहरी क्षेत्र और उन इलाकों में जहां पिछले अभियानों में लोगों ने बचाव की दवा का सेवन कम किया था । इस मुहिम से शिक्षकों, स्कूली छात्रों, पंचायत व निकाय प्रतिनिधियों के साथ कोटेदारों को भी जोड़ा जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग अन्य सरकारी विभागों, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संगठन की मदद से बड़ी आबादी को दवा खिलाने की तैयारी कर रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का कहना है कि लोगों द्वारा दवा न खाने के पीछे सबसे बड़ा तर्क होता है कि जब उन्हें फाइलेरिया हुआ ही नहीं है तो वह दवा क्यों खाएं ? ऐसे में लोगों को यह समझाना सम्मिलित दायित्व है कि फाइलेरिया लाइलाज है। बीमारी हो जाने के बाद दवा खाने से यह ठीक नहीं होती है । बीमारी हो ही न इसके लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन अनिवार्य है । हाथीपांव के नाम से भी प्रसिद्ध फाइलेरिया पूरे विश्व में दीर्घकालीन दिव्यांगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इस बीमारी के मरीज की मृत्यु तो नहीं होती है लेकिन उसका जीवन बोझ बन जाता है । इसका वाहक क्यूलेक्स मच्छर अगर आज किसी व्यक्ति को संक्रमित करता है तो बीमारी के लक्षण आने में पांच से पंद्रह साल तक का समय लग जाता है और जब तक बीमारी पता चलती है तब तक काफी देर हो जातीहै । इससे बचना है तो दवा सेवन ही बेहतर विकल्प है।
वह बताते हैं कि बेलघाट ब्लॉक और शहरी क्षेत्र में पिपुल कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) संस्था की मदद से और पिपराईच ब्लॉक में फाइलेरिया मरीज सहायता समूह (पीएसजी) के सहयोग से बड़े पैमाने में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिले के अन्य सभी ब्लॉक को दिशा निर्देशित किया गया है कि वह शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, स्वयंसेवी संगठनों आदि से समन्वय बना कर लोगों को दवा सेवन के लिए प्रेरित करें। अभियान के दौरान एक से दो वर्ष के बच्चों को सिर्फ पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाई जाएगी । दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों को ( गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करना अनिवार्य है।
चल रही जनजागरूकता की मुहिम
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि पिपराईच ब्लॉक में सक्रिय मरीज सहायता समूह (पीएसजी) ने 12 स्कूलों के 1227 बच्चों को फाइलेरिया और उससे बचाव के बारे में जागरूक किया है और उनका यह अभियान निरंतर चल रहा है । आठ ग्राम प्रधानों और छह कोटेदारों का भी संवेदीकरण किया गया और उनसे कहा गया है कि वह अपने पास आने वाले लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि पीसीआई संस्था के सहयोग से बेलघाट ब्लॉक व गोरखपुर शहर में 844 से अधिक स्कूली शिक्षकों और 23435 से अधिक स्कूली बच्चों को जागरूक किया जा चुका है। इसी क्षेत्र में 75 कोटेदारों, 984 समूह सदस्यों और 148 स्थानीय जनप्रतिनिधियों को एमडीए के बारे में जागरूक किया जा चुका है। गोरखपुर शहर में एनसीसी का भी संवेदीकरण किया गया है।
पहली बार मिली इतनी जानकारी
बेलघाट ब्लॉक के राहुल सांकृत्यान इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य संजय कुमार (43) ने बताया कि उनको फाइलेरिया के बारे में पहली बार ठीक से जानने के मौका मिला। स्वास्थ्य विभाग और पीसीआई संस्था की टीम कॉलेज आई थी और करीब एक हजार बच्चों और शिक्षकों को बीमारी के बारे में बताया । पहली बार हम लोगों को यह जानने को मिला कि हाइड्रोसील भी फाइलेरिया का ही एक रूप है । यह बीमारी मच्छर काटने से होती है । इस बीमारी के बारे में छात्रों की जिज्ञासाएं भी सामने आ रही हैं । इसी ब्लॉक के कोटेदार संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार जायसवाल (42) बताते हैं कि पिछले साल भी कोटेदारों ने लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा सेवन के लिए प्रेरित किया था। इस साल कोटे की दुकानों से और प्रभावी संदेश दिया जाएगा । लोगों को बताया जाएगा कि घर के आसपास गंदा पानी इकट्ठा नहीं होने देना है क्योंकि ऐसी जगहों पर फाइलेरिया के वाहक मच्छर पनपते हैं । साथ ही राशन लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति को दवा खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। महानगर के वार्ड नंबर 75 निवासी चंद्रप्रकाश सिंह (44) ने बताया कि वार्ड में नाइट ब्लड सर्वे हुआ है जिसमें सहयोग कर फाइलेरिया संक्रमण की जांच करवाई गई। अगस्त के अभियान के दौरान उदासीन परिवारों को दवा खिलाने में सहयोग किया जाएगा।