12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा वाली ट्रेन में 100 से अधिक विदेशी भक्त भी हैं शामिल

उज्जैन

फाइव स्टार होटल जैसी सुविधा वाली ट्रेन 1008 यात्रियों के साथ पहुंची महाकाल 

उज्जैन। कथावाचक मुरारी बापू 12 ज्योतिर्लिंगों की यात्रा कर रामकथा सुना रहे हैं। वे अपने भक्तों के साथ विशेष ट्रेन से यात्रा कर रहे हैं। यात्रा अपने अंतिम पड़ाव पर है। ऋषिकेश से शुरू हुई यात्रा शनिवार को उज्जैन पहुंची। यहां स्टेशन पर बापू का जोरदार स्वागत किया गया। महाकाल मंदिर के पास सरस्वती स्कूल में सुबह 10.30 से दोपहर 1.30 बजे तक एक दिन की रामकथा का आयोजन होगा।

देश में पहली बार मुरारी बापू बारह ज्योतिर्लिंगों में एक साथ रामकथा सुना रहे है। यात्रा में दो रेल गाड़ियां कैलाश और चित्रकूट शामिल हैं। दोनों ट्रेन 1008 यात्रियों के साथ 12 हजार किमी का सफर तय करते हुए ज्योतिर्लिंगों के अलावा जगन्नाथ पुरी, द्वारकापुरी और तिरुपति बालाजी धाम को भी जोड़ेंगी।

रामकथा वाचक मोरारी बापू की यह यात्रा विशेष ट्रेन से ऋषिकेश से शुरू हुई थी। विश्वनाथ, मलिक्कार्जुन, बैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वरम, भीमाशंकर, ओंकारेश्वर, घृष्णेश्वर, त्रयंबकेश्वर, महाकालेश्वर और सोमनाथ ज्योर्तिलिगों तक जाएंगी। कैलाश नामक ट्रेन में बापू हैं। उनके साथ 301 भक्त भी शामिल हैं। इनमें 100 से अधिक विदेशी भक्त भी हैं।

कितनी खास है बापू की ट्रेन

भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के सहयोग से 22 डिब्बे की ट्रेन को विशेष रूप से तैयार किया गया है। 22 जुलाई से 7 अगस्त तक के लिए ट्रेन को बुक किया गया है। ट्रेन में सभी एसी कोच हैं। ट्रेन के बाहर रामकथा और यात्रा से जुड़ी बातें लिखी गई हैं। अंदर सुसज्जित किसी फाइव स्टार होटल की तरह रेस्टोरेंट है। स्लीपिंग कोच के पास विंडो सीट की और सोफे जैसी कुर्सियां भी लगी हैं।

ट्रेन में पहला कोच बापू के लिए आरक्षित है। पूरे कोच को वुडन फिनिश का वर्क कर डिजाइन किया गया है। खास बात यह है कि एक एसी कोच वॉलंटियर के लिए भी है। यह एसी तो है, लेकिन गद्दे बिछाकर सोना पड़ता है। ट्रेन में प्रेस, कपडे़ धोने की मशीन, रोजाना काम आने वाली सभी जरूरत का सामान मौजूद है। ट्रेन में एसी 1, एसी 2 और दो कोच एसी 3 के भी हैं।

ट्रेन से कथा तक का सफर

मुरारी बापू और यात्रियों की सेहत का ख्याल रखने वाले डॉक्टर विजय देसाई ने बताया कि 12 ज्योतिर्लिंगों का सफर एक जैसा ही है। रात को ट्रेन से सफर करते हैं। सुबह गंतव्य पर पहुंचते ही बाहर पहले से बुक की हुई कार स्टेशन पर खड़ी होती है। होटल की बुकिंग भी पहले से की गई है। ज्योतिर्लिंग में पहुंचते ही होटल में स्नान कर कथा पंडाल में पहुंचते है। यहां पर नाश्ते के बाद सभी दर्शन के लिए जाते हैं और फिर बापू की कथा सुनते हैं। इसके बाद लंच लेकर सभी ट्रेन पर पहुंच जाते हैं। ट्रेन में अमेरिका, लंदन, साउथ अफ्रीका सहित देश भर के भक्त शामिल हुए हैं। बापू के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ी भी ट्रेन में चल रही है।

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