21 को पूजे जाएंगे नाग देवता, चढ़ेंगे दूध और लावा
गोरखपुर
गोरखपुर। श्रावण मास की पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023, सोमवार को मनाई जाएगी। आचार्य पंडित शरद चंद्र मिश्र के मुताबिक इस बार पंचमी का त्योहार 21 अगस्त को पड़ रहा है। इस तिथि को नागपंचमी कहा जाता है। यह सनातनी हिन्दू का प्रमुख पर्व है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने की परंपरा है। नाग देवता पूजा करने के साथ ही घरों में दूध लावा चढ़ाई जाती है। नाग पूजन के साथ लोग अपने कुल देवता को पूजते हैं। शुक्ल पंचमी तिथि को सूर्योदय प्रातः 6 बजकर 36 मिनट को होगा। मान सम्पूर्ण दिन और रात को 9 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। इस दिन चित्रा नक्षत्र भी सम्पूर्ण दिन और रात्रि शेष 3 बजकर 47 मिनट तक है। पूरे दिन शुभ योग है। चन्द्रमा की स्थिति कन्या और तुला दोनों राशियों पर रहेगा। सूर्योदय के समय बुधादित्य योग बन रहा है। जबकि नाग पंचमी की पूजा का मुहूर्त 21 अगस्त को सुबह 5. 36 से लेकर 7. 35 बजे तक रहेगा। इस दिन उपवास रखना चाहिए और नाग देवता के चित्र पर चावल, फूल, रोली और हल्दी चढ़ाकर उनकी पूजा की जाती है। पूजा पाठ के बाद शाम को व्रत खोलना चाहिए।
सनातन धर्म में नागपंचमी का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन महिलाएं भगवान शिव के आभूषण नाग देव की उपासना करके उनसे आशीर्वाद मांगती हैं। जिन लोगों की कुंडली में सर्प दोष होता है, वे भी इस दिन खास उपाय करके इस दोष से मुक्ति पा सकते हैं। हर साल सावन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को यह त्योहार मनाया जाता है। इस दिन पूजा-पाठ करने से जिंदगी में धन, अच्छी सेहत और सकारात्मक शक्ति का संचार होता है। इस दिन उपवास रखना चाहिए और नाग देवता के चित्र पर चावल, फूल, रोली और हल्दी चढ़ाकर उनकी पूजा की जाती है। पूजा पाठ के बाद शाम को व्रत खोलना चाहिए।
सातवां सावन सोमवार
21 अगस्त 2023 को सावन का सातवां सोमवार है। इसी दिन नाग पंचमी भी मनाई जा रही है और नाग पंचमी पर शिव जी के गण नाग देवता की पूजा की जाती है।
पूजन मुहूर्त :
नागपंचमी के दिन पूजन कि सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त प्रातः काल 5 बजकर 36 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट तक।7 बजकर 35 मिनट से 9 बजकर 35 मिनट तक राहुकाल में नागपंचमी का पूजन न किया जाए। यदि प्रातः काल पूजन न हुआ हो तो 9 बजकर 35 मिनट के पश्चात और 11 बजकर 3 मिनट के अन्दर नागपंचमी का पूजन किया जाए।