कैंसर में कोशिकाएं बढ़ने से शरीर को खतरनाक स्थिति उत्पन्न करती : डॉ. आशुतोष त्रिपाठी

गोरखपुर

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत आयोजित इस संगोष्ठी में हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान के चिकित्सक डॉ. आशुतोष त्रिपाठी ने सेंट एंड्रयूज इण्टर कालेज में दुर्दांत रोग कैंसर के बारे में लोगों को अवगत कराया।

गोरखपुर। मनुष्य का शरीर खरबों कोशिकाओं यानि सेल्स से बना है और यह स्वस्थ कोशिकाएं शरीर की आवश्यकताओं के अनुसार बढ़ती और विभाजित होती हैं जो कि एक तरह की सामान्य प्रक्रिया है जिसमे शरीर का नियंत्रण रहता है। लेकिन कैंसर में ये कोशिकाएं बिना किसी नियंत्रण के विभाजित होकर बढ़ने से हमारे शरीर को एक असामान्य और खतरनाक स्थिति उत्पन्न करती है।

उक्त बातें हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान के कैंसर रोग के चिकित्सक डॉ. आशुतोष त्रिपाठी ने शनिवार को सेंट एंड्रयूज इण्टर कालेज के प्रांगण में की। उन्होंने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को समाज के दुर्दांत रोग कैंसर के बारे में बताते हुए कहा कि डीएनए में असामान्य परिवर्तन होने से कैंसर के प्रकार का कारण बनता है। ट्यूमर में उपस्तिथ सभी कोशिकाएं एक जैसी नहीं होती है। हालांकि कैंसर को फ़ैलाने में मदद करती है और कोशिकाओं को प्रभावित कर नये ट्यूमर बनाने लगती है। एक अर्बुद (ट्यूमर) का अर्थ है कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि जिससे एक परावर्तित (ट्रांसफॉर्मड) कोशिकाओं का समूह बन जाता है। जिसे गांठ (लम्प) कहा जाता है। इसके बनने के प्रमुख कारण होते हैं- कोशिका विभाजन को नियंत्रित करने वाली प्रक्रिया का समापन तथा उसके अन्दर उपस्थित जीन्स (आनुवंशिकता की इकाई) में किन्हीं लक्षणों के प्रति जीनी उत्परिवर्तन (जीनिक म्यूटेशन)।
कैंसर जागरूकता अभियान के तहत आयोजित इस संगोष्ठी में बोलते हुए अजय श्रीवास्तव ने कहा कि कैंसर होने के बावजूद यह न केवल जीवित रहना संभव है, बल्कि पनपना और फिर से एक स्वस्थ, अद्भुत जीवन जीना भी संभव है। जीवन 10% इस बात पर निर्भर करता है कि हमारे साथ क्या होता है और 90% इस पर निर्भर करता है कि हम इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं। कैंसर से बचने की सबसे अच्छी संभावना में आमतौर पर इसका जल्दी पता लगाना और उसका समुचित इलाज करना शामिल होता है। कैंसर से संबंधित 40% से अधिक मौतों को रोका जा सकता है क्योंकि वे धूम्रपान, शराब का उपयोग, खराब आहार और शारीरिक निष्क्रियता जैसे परिवर्तनीय जोखिम कारकों से जुड़े होते हैं। अगर हम उचित देखभाल करें तब भविष्य में कैंसर रोगियों की संख्या में काफी गिरावट आ जाएगी। कैंसर के कारण, प्रकार एवं उससे बचने के उपाय के बारे में जानने के प्रति लोगों ने विशेष रुचि दिखाई और उसके बारे में अपने कई प्रश्नों के समुचित उत्तर पाकर खुश हुए।
इस अभियान के आयोजन में कॉलेज के प्रधानाचार्य आर. बी. सिंह, भगवान यादव, अंकित पांडेय, विद्यालय के कर्मचारियों एवं शिक्षकों आदि का विशेष योगदान रहा।

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