स्वास्थ्यकर्मियों के सामने ही खाएं फाइलेरिया से बचाव की दवा

गोरखपुर

जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में एमडीए अभियान के बारे में हुई विस्तृत चर्चा

मिशन इंद्रधनुष, संचारी रोगों की स्थिति और राष्ट्रीय कार्यक्रमों की हुई समीक्षा

गोरखपुर। जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक जिला विकास अधिकारी राज मणि वर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को देर शाम तक चली। बैठक के दौरान मुख्य चर्चा का विषय जिले में 28 अगस्त तक चल रहे फाइलेरिया से बचाव की दवा के सेवन का एमडीए अभियान रहा।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह की प्रस्तुति के समय मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान की बाधाओं पर चर्चा के दौरान यह बात सामने आई की दवा का सेवन करवा रही आशा, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्यकर्मी पूर्व के अभियानों की अपेक्षा अधिक सजग हैं। उनकी कोशिश है कि दवा का सेवन अपने सामने ही करवाएं, जिसकी वजह से उन लोगों को दवा खिलाना संभव नहीं हो पा रहा है, जो घरों से बाहर हैं। ऐसे लोग आशा के घर पर जाकर या उनसे सम्पर्क कर दवा का सेवन कर सकते हैं। आशा या आंगनबाड़ी का घर दवा के डिपो के तौर पर कार्य कर रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि इस वर्ष एमडीए अभियान में जिला अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, रेलवे अस्पताल, एम्स गोरखपुर जैसे सार्वजनिक बूथ भी बनाये गये हैं जहां दवा का सेवन किया जा सकता है। जिन इलाकों में आशा कार्यकर्ता नहीं हैं वहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता दवा का सेवन कराएंगी और उनका घर ही दवा के डिपो के तौर पर काम करेगा।

उन्होंने बताया कि दवा सेवन के लिए निकटमत स्थान के बारे में अधिक जानकारी के लिए सहायक मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा का मोबाइल नंबर 9450018568 सुबह 11 बजे से शाम चार बजे तक हेल्पलाइन की तरह कार्य कर रहा है, जिस पर सम्पर्क किया जा सकता है। कार्यक्रम से जुड़े सभी स्वास्थ्यकर्मी सुनिश्चित करेंगे कि वह दवा किसी को नहीं देंगे और अपने सामने ही दवा का सेवन कराएंगे। अगर कहीं से दवा देने की शिकायत सामने आ रही है तो हेल्पलाइन नंबर पर लोग सूचित करें। दवा का सेवन शुगर, बीपी और थॉयराइड जैसी बीमारियों के मरीज कर सकते हैं। सिर्फ ह्रदय रोगी व कैंसर रोगी जैसे गंभीर बीमारियों के मरीज इसका सेवन नहीं करेंगे।

डॉ दूबे ने बताया कि दवा खाली पेट नहीं खाना है। गर्भवती और अति गंभीर बीमार को छोड़ कर दो वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोग इस दवा को खाएंगे। लगातार पांच साल तक साल में एक बार इस दवा का सेवन करने से लाइलाज फाइलेरिया से बचाव होता है। छूटे हुए लोगों को दवा का सेवन कराने के लिए 29 अगस्त से दो सितम्बर तक मॉप अप राउंड भी चलाया जाएगा । दवा का सेवन महापौर, डीएम, एसएसपी, सीडीओ और उन्होंने स्वयं किया है। इसकी गुणवत्ता व सुरक्षा के प्रति कोई भी संदेह नहीं है बैठक के दौरान शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, एप फीडिंग और आयुष्मान कार्ड बनाये जाने और मंत्रा एप पर फीडिंग के संबंध में दिशा निर्देश दिये गये।

इस अवसर पर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेंद्र ठाकुर, जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, अधीक्षक डॉ अम्बुज श्रीवास्तव, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ नंदलाल कुशवाहा, उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विराट स्वरूप श्रीवास्तव, डीसीएमओ डॉ अश्वनी चौरसिया, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीडीएम पवन गुप्ता, डैम पवन कुमार, विजय श्रीवास्तव, रामनवल और आदिल समेत विभिन्न विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

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