कजरी व सुगम संगीत की मनमोहन प्रस्तुति पर श्रोताओं हुए मंत्रमुग्ध
गोरखपुर
गोरखपुर। कुटुंब ग्लोबल, नवाब काटेज के तत्वावधान में रविवार को संगीत फुहार, सावन की एक सुरमयी शाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां शास्त्रीय संगीत की वरिष्ठ कलाकार व दूरदर्शन केंद्र मुंबई की पूर्व राजभाषा अधिकारी डा. शैलेश श्रीवास्तव ने कजरी व सुगम संगीत की मनमोहन प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की शुरुआत चंद्रप्रकाश अग्रवाल, मंजुला दास, शोभित मोहन दास, कवयत्रि अंकिता सिंह के द्वारा दीप प्रज्वलन से हुई। अतिथियों का स्वागत डॉ. हर्षवर्धन राय ने किया।
कार्यक्रम में डा. शैलेष ने मराठी मे श्रीवास्तव ने गणपति वंदना, देवी गीत, हमारे भोले बाबा, कैसे खेले जइब सावन में कजरिया, झूला पड़ी कदम की डाली, सुगम संगीत मे नजरिया न मारो, दिल वालों की बात चली है, केसरिया बालम, दमा दम मस्त कलंदर जैसे कई गीत प्रस्तुत कर उमस भरी गर्मी में लोगों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। देर रात तक गीत संगीत चलता रहा।
डा. (श्रीमती) शैलेष श्रीवास्तव ने कहा कि संगीत में ईश्वर वास होता है यह काफी कठिन तपस्या से ही प्राप्त होती है, यह एक साधना है, निरंतर रियाज से इसमें निखार आती है। इसमें शार्टकट की कोई जगह नहीं होती।आज की युवा पीढ़ी शॉर्टकट की ओर भाग रहा है, संगीत की प्राप्ति नहीं हो सकती। कई देशों में अपनी प्रस्तुति दे चुकी डा. शैलेश कहती हैं कि भारतीय संगीत काफी समृद्ध है, पश्चिमी संगीत पर हमारे पैर तो थिरक सकते हैं पर भारतीय संगीत हमारे मन मस्तिष्क पर अमिट छाप छोड़ता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान मे गुरु शिष्य परंपरा समाप्त होती जा रही है, आज इसे जीवित रखने की जरूरत है।
इसके पूर्व डा.रीना श्रीवास्तव, मधु अग्रवाल, उषा कुमार ने डा. शैलेष श्रीवास्तव को अभिनंदन पत्र एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया।
वाद्ययंत्रों पर बेचन गौड़, उत्तम मिश्र, राजेश गुप्ता, अजय शर्मा, कन्हैया श्रीवास्तव, रानू जानसन आदि ने संगत किया।
कार्यक्रम का संचालन रीता श्रीवास्तव ने किया जबकि अंत में कुटुंब ग्लोबल की अध्यक्ष अनुपम श्रीवास्तव ने आये हुए लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में शबनम श्रीवास्तव, शायर डा.कलीम कैसर, लोक गायक राकेश श्रीवास्तव, डा. हर्ष वर्धन, नुसरत अतीक, विनोद श्रीवास्तव, प्रेम नाथ, अचिंत्य लाहिड़ी, प्रवीण श्रीवास्तव, ममता केतन, नवीन, आकाश, डा. अमरनाथ जायसवाल, डा. चारु शीला सिंह, डा.सिद्धनाथ तिवारी, डा. सुश्रेया समेत कई लोग उपस्थित रहें।