गीता वाटिका में आज आधी रात को असुरों का संहार करने भगवान का प्राकट्य होगा

गोरखपुर

गोरखपुर में आज दिखेगी गोकुल नगरी, गीता वाटिका सज-धज कर तैयार, महाआरती रात 12 बजे

गोरखपुर। गीता वाटिका प्रांगण में स्थित श्रीराधाकृष्ण साधना मंदिर में भगवान् श्रीकृष्ण का प्राकट्यकोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर में भगवान् के प्राकट्य स्थली जेल की अत्यन्त सुन्दर झाँकी सजाई गई है। मंदिर तथा समाधि स्थली सहित पूरे वाटिका परिसर को विद्युत झालरों से सजाया गया है। मंदिर में विराजित सभी विग्रहों का विशेष श्रृंगार किया गया है। कल से ही भारी संख्या में श्रद्धालुओं का मंदिर में दर्शन हेतु आगमन जारी है।

बता दें कि महानगर में जहां पुलिस लाइन, जलकल, पीएसी छावनी, आरपीएफ बैरक, गोपाल मंदिर में मेले जैसा दृश्य रहता है। तो वहीं गोरखनाथ मंदिर में रूप सज्जा के साथ भजन कीर्तन आयोजित किया जाता है। यहां पर सीएम योगी आदित्यनाथ स्वयं भगवान के जन्मोत्सव पर पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं मौजूद रहते हैं।

तो वहीं सार्वभौम गृहस्थ संत नित्यलीलालीन भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार एवं उनके नित्यसहचर महाभावनिमग्न श्रीराधा बाबा की तपस्यास्थली गीता वाटिका स्थित श्रीराधाकृष्ण साधना मंदिर में भगवान् श्रीकृष्ण का प्राकट्य महोत्सव भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को धूमधाम से मनाया जाता है। जो आज गुरुवार 07 सितम्बर को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। गीता वाटिका को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर गोकुल नगरी की संज्ञा दी जाती है। यहां पर गोकुल नगरी की तर्ज पर विभिन्न झाकियां को इस तरह सजाया और संवारा जाता है कि यहां पर आने वाले प्रत्येक श्रृद्धालु मथुरा की अनुभूति करता है। यही नहीं यहां पर शाम से ही श्रद्धालुओं की पहुंचने का सिलसिला शुरू हो जाता है और जब तक भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव (आधी रात) नही होता तब तक वहीं पर डिगा रहता है। यहां की महाआरती भी अद्भुत होती है। महाआरती में भिड़ इतनी ज्यादा होती है कि तिल रखने भर की जगह नहीं होती है।

यहां पर आज भगवान के प्रकाशकोत्सव पर रात्रि में दस बजे से संकीर्तन एवं पद गायन शुरू होंगे। स्थानीय समयानुसार मध्यरात्रि ठीक 11:55 बजे प्राकट्य की आरती होगी। तत्पश्चात षोडशोपचार पूजन किया जायेगा। साथ ही साथ बधाई के पदों का गायन व संकीर्तन भी चलता रहेगा।

षोडशोपचार पूजन के बाद ठाकुरजी एवं सभी श्रीविग्रहों को विशेष भोग अर्पित किया जाएगा। तत्पश्चात् आरती एवं प्रसाद-वितरण के कार्यक्रम सम्पन्न होंगे ।

मंदिर में भगवान् के प्राकट्य स्थली जेल की अत्यन्त सुन्दर झाँकी सजाई गई है। पूरे वाटिका परिसर को विद्युत झालरों से सजाया गया है। मंदिर में विराजित सभी विग्रहों का विशेष श्रृंगार किया गया है। 06 सितम्बर से ही भारी संख्या में श्रद्धालु जनों का मंदिर में दर्शन हेतु आगमन जारी है।

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