सीएचओ की मदद से कराएं टीबी जांच, घर के नजदीक मिल जाएगा सम्पूर्ण इलाज

गोरखपुर

अब प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को आयुष्मान भवः अभियान के तहत आयुष्मान मेले में भी होगी टीबी जांच

जिले के 486 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात हैं कुशल और प्रशिक्षित सीएचओ

गोरखपुर। टीबी उन्मूलन में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) अहम भूमिका निभा रहे हैं । इन पर तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) के सहयोग से घर के नजदीक टीबी की जांच कराई जा सकती है । वहीं से सम्पूर्ण इलाज भी संभव है । जिले के 486 एचडब्ल्यूसी पर तैनात कुशल और प्रशिक्षित सीएचओ के स्तर पर बलगम कलेक्शन कर जांच और टीबी की पुष्टि होने पर इलाज की सुविधा भी उपलब्ध है। यह सुविधा अब प्रत्येक माह के दूसरे शनिवार को एचडब्ल्यूसी पर आयोजित आयुष्मान मेले में भी दी जाएगी। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने दी।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि अब आयुष्मान भवः अभियान के तहत भी टीबी जांच में सीएचओ की भूमिका बढ़ा दी गयी है । माह के प्रत्येक दूसरे शनिवार को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आयुष्मान मेला लगेगा जिसमें टीबी के संभावित मरीजों की भी स्क्रिनिंग कर उनकी जांच कराई जाएगी। अगर किसी को दो सप्ताह से अधिक समय तक लगातार खांसी, शाम को पसीने के साथ बुखार, बलगम में खून आने की समस्या, सीने में दर्द, भूख न लगना, तेजी से वजन गिरने जैसे लक्षण हैं तो उसे टीबी की जांच अवश्य करवानी चाहिए । जांच में टीबी की पुष्टि होने पर न सिर्फ इलाज किया जाता है बल्कि पोषण युक्त खानपान के लिए मरीज के खाते में इलाज चलने तक 500 रुपये प्रति माह भी दिये जाते है।

भटहट ब्लॉक के चकदहां गांव की 20 वर्षीय युवती के टीबी की पहचान एचडब्ल्यूसी चकजलाल के सीएचओ विवेकानंद ने ही इसी साल मई माह में की। युवती ने बताया कि उसे सीने में दर्द और खांसी की दिक्कत तीन महीनों से थी। पति श्रमिक हैं । बड़े डॉक्टर को दिखाने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए मेडिकल स्टोर से खांसी और दर्द की दवा खरीद कर खा रही थी। गांव की आशा ने मई 2023 में टीबी मरीज खोजने के अभियान के दौरान युवती से लक्षणों की जानकारी ली और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर ले गयीं। वहां से सीएचओ ने बलगम लेने के लिए डिबिया दिया और अगले दिन खाली पेट बलगम मंगवाया । जांच में टीबी की पुष्टि हुई । उनके आधार कार्ड और पासबुक की फोटो कॉपी जमा करा ली गयी। युवती को न सिर्फ सेंटर से दवाएं मिल रही हैं, बल्कि पांच सौ रुपये प्रति माह खाते में भी आ रहे हैं । डॉक्टर की सलाह पर वह इन पैसों से दूध, दही, पनीर आदि पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन कर रही हैं और उनकी तबीयत में काफी सुधार हुआ है।

अभियान में मिले थे नये रोगी

डॉ यादव ने बताया कि 15 मई से 16 जून तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को केंद्रित कर टीबी रोगी खोजने का अभियान चलाया गया था। इसमें 2017 लोगों के बलगम की जांच की गयी थी जिनमें से 101 नये टीबी मरीज मिले। सभी का इलाज चल रहा है । टीबी की जांच व इलाज सम्बन्ध में अतिरिक्त जानकारी के लिए पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक अभय नारायण मिश्र से हेल्पलाइन नंबर 9125765273 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

Related Articles