पखवाड़े में किया उत्कृष्ट कार्य, सीएमओ ने दिया सम्मान

गोरखपुर

विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े में बेहतर योगदान देने वाले स्वास्थ्यकर्मी सम्मानित

 

गोरखपुर। इस साल 11 से 31 जुलाई तक चले विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया । जनपद व ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य इकाइयों, अधिकारियों, अंग्रिमपंक्ति कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्यकर्मियों और सहयोगी संस्थाओं के बीच कुल 73 प्रशस्ति पत्र वितरित किये गये । अलग अलग श्रेणियों में यह प्रशस्ति पत्र प्रेरणा श्री सभागार में सोमवार को आयोजित हुए कार्यक्रम के दौरान दिये गये।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने इस मौके पर कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम न केवल देश की तरक्की से जुड़ा है बल्कि मातृ शिशु स्वास्थ्य और पोषण से इसका गहरा सम्बन्ध है । यह दंपति के सुखमय जीवन के लिए भी एक महत्वपूर्ण तत्व है । हमारा प्रयास होना चाहिए कि जब कोई नवदंपति विवाह बंधन में बंधे तो उसे प्रेरित करें कि शादी होने पर पहला बच्चा कम से कम दो साल बाद ही प्लान करें । जब पहला बच्चा गर्भ में हो तभी परिवार नियोजन के सभी साधनों के बारे में दंपति को बताएं ताकि प्रसव के तुरंत बाद दंपति किसी साधन का चुनाव करे और दो बच्चों के बीच कम से कम तीन साल का अंतर रखा जा सके । अगर दो बच्चों में यह अंतर कम होता है तो मां की सेहत के साथ साथ बच्चे के पोषण स्तर पर भी इसका बुरा असर पड़ता है । दंपति को परिवार नियोजन के बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में पूरी जानकारी दें और यह दंपति की पसंद पर छोड़ दें कि वह किसी मनपसंद साधन का इस्तेमाल करते हैं। दो बच्चों के बाद जब परिवार पूरा हो जाए तो स्थायी साधनों के लिए प्रेरित करें। परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ करके मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।

इस मौके पर सम्मानित होने वाली पिपराईच सीएचसी की परिवार नियोजन काउंसलर रीना ने बताया कि उन्हें पखवाड़े के दौरान सर्वाधिक पांच पुरुष नसबंदी करवाने के लिए पुरस्कार मिला है । उनके पास जब दंपति काउसिलिंग के लिए आते हैं, तो परिवार पूरा कर चुके दंपति को नसबंदी अपनाने की सलाह दी जाती है। दंपति को यह खासतौर पर बताती हैं कि पुरुष नसबंदी महिला नसबंदी की तुलना में सरल और सुरक्षित है। इसमें चीरा या टांका नहीं लगता है । आवश्यकतानुसार पुरुष नसबंदी करवा चुके लाभार्थियों से भी बात कराई जाती है । इससे पुरुषों को प्रेरित करना आसाना हो जाता है और वह नसबंदी अपनाने को तैयार हो जाते हैं।

 

यह लोग हुए सम्मानित

आशा कार्यकर्ता लखपाती, सुनीता, आशा, कांति देवी, साधना देवी, रत्ना, दिव्या, बबिता, मनीता देवी, सुनीता, शालिनी, आशा देवी, मिथिलेश, रेखा, उर्मिला, लक्ष्मी और सुनीता को सम्मानित किया गया । एएनएम कलावती, स्टॉफ नर्स प्रीति राय, परिवार नियोजन काउंसलर रीना, रीता, विन्ध्यवासिनी और मो रसूल को भी प्रशस्ति पत्र दिया गया । सर्जन डॉ धनंजय कुमार, डॉ शिवमुनीराम, डॉ वंदना सिंह व डॉ विजय लक्ष्मी के साथ सूर्या क्लिनिक को भी सम्मानित किया गया । जिला स्तरीय टीम से एसीएमओ आरसीच डॉ एके चौधरी, डीपीएम पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, लॉजिस्टिक मैनेजर अवनीश चंद्र, सहयोगी पुनीता, दिनेश, पवन, मनीष, विजय श्रीवास्तव, प्रियंका सिंह और यूपीटीएसयू के प्रतिनिधि विनोद कुमार मिश्र आदि को भी योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया । इसके अलावा अलग अलग श्रेणियों में 31 स्वास्थ्य इकाइयों को प्रशस्ति पत्र दिया गया।

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