अरे रामा मोहन मुरलिया वाला जदुआ डाला रे हरि…
गोरखपुर
दो दिवसीय कजरी महोत्सव-2023, का समापन
लोक गायक राकेश उपाध्याय द्वारा पारम्परिक लोकगीत कजरी लक्षुमन कहाॅ जानकी होइहें अइसन विकट अन्हरिया ना… से कार्यक्रम का शुभारंभ किया
गोरखपुर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के सभागार में क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र, जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद तथां जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय कजरी महोत्सव-2023, का समापन हुआ। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के सभागार में रविवार को कजरी महोत्सव का आयोजन पहली बार सरकारी बैनर तले आयोजित किया गया। जो कला जगत के लिए निश्चित ही सराहनीय कदम है। सभी कलाकार की कजरी की प्रस्तुतियां बहुत ही सुन्दर एवं आकर्षण का केन्द्र रही। संस्कृति विभाग उ0प्र0 अपनी लोक परम्परा एवं गौरवशाली कला एवं संस्कृति को जीवंत करने तथा उसके संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निरन्तर इस प्रकार के आयोजन कराने की पहल करता रहा है।
कार्यक्रम की शुरूआत लोक गायक राकेश उपाध्याय द्वारा पारम्परिक लोकगीत कजरी के साथ किया गया। जिसमें लक्षुमन कहाॅ जानकी होइहें अइसन विकट अन्हरिया ना…, गोरी झूल गयी झुलुआ हजार में सावन की बहार में ना, तथा अरे रामा मोहन मुरलिया वाला जदुआ डाला रे हरि.. की प्रस्तुति की गयी। इसी क्रम में डाॅ0 प्रतिभा मिश्रा, लखनऊ द्वारा रिमझिम बरसत पनिया आवा चली धान रोपे धनिया…, बारमासा ओ मेरेे ननदी के भइया विदेशिया…, कहरा सोहर- पांव पजनिया बाजे ना सीता आवे नाहीं कनिया…….एवं श्री अमित अंजन, महराजगंज द्वारा गांवें बरसत होई बदरा…, हरे रामा कृष्ण बने मनिहारी…., एवं श्रीमती सारिका श्रीवास्तव, गोरखपुर द्वारा कजरी अ हो पिया केकरा पे करवे सिंगरवा…, जब लै लइबो ना हमरी झुलनिया…, अरे रामा रिमझिम पड़ते फुहार……, तथा अन्तिम प्रस्तुति श्रीमती इन्दू गुप्ता, गोरखपुर द्वारा पिया सावन में प्यार से बुलावल करें बेनिया डोलावल करें…, झूला धीरे से झुलाओ बनवारी, झूले राधा प्यारी ना… की प्रस्तुति की। उक्त कलाकारों ने खुब वाह-वाही बटोरी। दर्शकों ने कजरी महोत्सव का भरपूर आनन्द उठाया।
कार्यक्रम के अन्त में राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर के उपनिदेशक/प्रभारी, क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र गोरखपुर डाॅ0 यशवंत सिंह राठौर द्वारा अतिथियों एवं कलाकारों का हार्दिक अभिनन्दन करते हुए कहा कि संस्कृति विभाग विभिन्न आयोजनों पर स्थानीय कलाकारों को अवसर देकर उनकी कला-प्रतिभा को निखारने तथा उन्हें प्रोत्साहित करने हेतु संकल्पित है। सभी कलाकारों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डाॅ0 चारू शिला ने किया।
उक्त अवसर पर रविन्द्र कुमार, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, प्रशान्त श्रीवास्तव, जिला सूचना अधिकारी आदि गणमान्य जन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।