क्षय उन्मूलन और मातृ-शिशु पोषण का सीएम ने दिया संदेश
गोरखपुर
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दो टीबी मरीजों को गोद लिया, गर्भवती की गोदभराई और शिशुओं का अन्नप्राशन कराया
गोरखपुर। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान और दस्तक पखवाड़े के प्रदेशव्यापी शुभारम्भ के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने गृह जनपद गोरखपुर से क्षय (टीबी) उन्मूलन और मातृ-शिशु पोषण का भी संदेश दिया । मंगलवार को कार्यक्रम का शुभारंभ करने से पहले उन्होंने बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर में टीबी पीड़ित एक महिला और एक किशोरी को गोद लिया । उन्होंने दो गर्भवती की गोदभराई की और दो बच्चों का अन्नप्राशन भी कराया । मुख्यमंत्री ने क्षय उन्मूलन के लिए समाज के प्रबुद्धजन से टीबी मरीजों को गोद लेने की मंच से अपील भी की।
गोद ली गयी टीबी मरीज 18 वर्षीय सुभ्रा (काल्पनिक नाम) ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें पोषण पोटली देते हुए दवा जारी रखने को कहा और हालचाल भी पूछा । सुभ्रा के पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं। जनवरी 2023 में उन्हें खांसी आनी शुरू हुई थी । घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, इसलिए मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर सेवन किया। दिक्कत ज्यादा बढ़ गई तो मार्च 2023 में एम्स गोरखपुर में दिखाया जहां टीबी की पुष्टि हुई। सुभ्रा को बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेजा गया जहां जांच में ड्रग रेसिस्टेंट (डीआर) टीबी मिला । उसके बाद जिला क्षय रोग केंद्र से सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर (एसटीएस) मयंक की देखरेख में उनकी दवा शुरू की गयी। वह बताती हैं कि दवा खाने के साथ पोषक आहार लेने की भी सलाह दी गयी है । विभाग ने उन्हें आश्वस्त किया है कि इलाज के दौरान प्रति माह 500 रुपये पोषण के लिए उनके खाते में पहले की तरह मिलते रहेंगे और साथ ही पोषण पोटली भी दी जाती रहेगी ।
गोद ली गयी 30 वर्षीय महिला विमला (काल्पनिक नाम) ने बताया उन्हें दो वर्षों से टीबी है। दवा बीच में बंद हो गई थी। तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल गईं जहां से जिला क्षय रोग केंद्र भेज कर इलाज शुरू कराया गया। वहां दवा और इलाज सबकुछ सरकारी प्रावधानों के तहत मिल रहा है । मुख्यमंत्री ने उन्हें पोषण पोटली दी है और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्हें अब लग रहा है कि टीबी से लड़ाई में वह अकेले नहीं हैं, उनके साथ सरकार और समाज भी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव की देखरेख में मुख्यमंत्री द्वारा गोद लिये गये टीबी मरीजों को सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इस संबंध में डिप्टी डीटीओ डॉ विराट, डीपीसी धर्मवीर, पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र और मिर्जा आफताब बेग की भी जवाबदेही तय कर दी गई है।
पोषण की महत्ता का हुआ एहसास
कूड़ाघाट निवासी निधि की छह माह की बच्ची सृष्टि का मुख्यमंत्री ने अन्नप्राशन कराया। निधि ने बताया कि कार्यक्रम में आकर पोषण की महत्ता के बारे में और अधिक पता चल सका । अन्नप्राशन के बाद बच्ची को दो वर्ष तक स्तनपान के साथ पूरक आहार भी देना है । पूरक आहार में घर का बना खाना ही पहले मसल कर देना और धीरे धीरे आहार की मात्रा बढ़ानी है । आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संगीता के प्रयासों से वह इस कार्यक्रम का हिस्सा बन सकीं। भेड़ियागढ़ निवासी निशा सिंह (20) को पोषण पोटली देकर मुख्यमंत्री ने उनकी गोदभराई की । निशा ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता उन्हें इस कार्यक्रम में लेकर आई थीं। उन्हें बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की मदद से नियमित टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच व पोषाहार की सुविधा पहले से मिल रही है । मुख्यमंत्री ने विभाग के लोगों से कहा है कि हमे स्वास्थ्य और पोषण संबंधी प्रत्येक योजना का लाभ दिया जाना चाहिए । मुख्य सेविका मोहित सक्सेना, रूमा सिंह और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शमा ने भी विशेष सहयोग किया ।
गोद लेने का आशय
सीएमओ डॉ दूबे ने बताया कि टीबी मरीज को गोद लेने वाले को निक्षय मित्र कहा जाता है। इसका आशय मरीज को इलाज चलने तक स्वेच्छा से पोषण सामग्री देने और उसको मानसिक तौर पर बीमारी से लड़ने में मदद करने से है। टीबी मरीजों की दवा बीच में बंद न हो, इसमें निक्षय मित्र अहम भूमिका निभा सकते हैं। जिले में इस समय टीबी के 8750 मरीज इलाज करवा रहे हैं । कुल 366 ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के मरीज हैं । सामाजिक व्यक्ति, संस्थाएं व प्रबुद्धजन निक्षय मित्र बन कर इन टीबी मरीजों की मदद कर सकते हैं ।
इन्हें मिला सम्मान
मुख्यमंत्री ने जिले में उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशा कार्यकर्ता ललिता देवी, सीमा सिंह और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छाया देवी व सुनीता सिंह को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया । आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी नागेंद्र चौहान, हरेंद्र चौहान, शिवकुमार और धनंजय गुप्ता को उन्होंने आयुष्मान कार्ड सौंपा। कार्यक्रम का संचालन स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) श्वेता पांडेय ने किया ।