भाई जी ने सनातन ग्रंथों का बोध पूरी दुनिया को कराया : सीएम योगी

गोरखपुर

 

गीता वाटिका में श्रीभाईजी हनुमान प्रसाद पोद्दार की 131 वाँ जन्मोत्सव मनाया गया

गोरखपुर। गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार की शाम को गीता वाटिका में भाईजी श्री हनुमान प्रसादजी पोद्दार की 131 वीं जयंती समारोह में शामिल हुए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाटिका परिसर में आयोजित श्रद्धार्चन समारोह के अन्तर्गत “श्रीभाईजी का जीवन और अवदान” विषयक संगोष्ठी की अध्यक्ष के रूप में मौजूद थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं को संबोधन करते हुए कहा कि भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार ने सनातन ग्रंथों का प्रकाशन-संपादन कर हिंदू तत्व ज्ञान का बोध पूरी दुनिया को कराया कराया वह भी तब जब हम परतंत्र थेI उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक उत्कर्ष के शिखर पर पहुंचे श्रीराधाबाबा और श्रीभाईजी दो शरीर किंतु एक प्राण थेI इसी प्रकार जयदयालजी गोयन्दका जहाँ गीता प्रेस के शरीर रूप थे वहीं पोद्दारजी उसकी आत्माI

श्रद्धार्चन समारोह का शुभारम्भ “श्रीगणेश वन्दना के गायन से प्रारंभ हुआI

विशिष्ट अतिथि प्रो.डा.बुद्ध रश्मि मणि जी (महानिदेशक-राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली) ने श्रद्धार्चन करते हुए भाईजी के जीवन के विविध आयामों की चर्चा करते हुए गीता वाटिका परिसर गोरखपुर में भाईजी पर एक संग्रहालय स्थापित करने का आह्वान किया जिससे उनका जीवन व संदेश सुगमता से आमजन तक पहुंचाया जा सकेI

विशिष्ट अतिथि प्रो. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री जी – उपाध्यक्ष , हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, पंचकुला, हरियाणा) ने गीता वाटिका की स्थापना गोरखपुर में ही किए जाने की पृष्ठभूमि की चर्चा की और कहा कि बुद्ध, महावीर, गुरु श्रीगोरक्षनाथ एवं संत कबीर की साधना भूमि से बेहतर इस कार्य के लिए और कौन सा स्थान उपयुक्त हो सकता हैI उन्होंने साहित्य-संपादन और प्रकाशन के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान और महत्व की विस्तार से चर्चा की।

विशिष्ट अतिथि डॉ. ओम जी उपाध्याय ( निदेशक- शोध एवं प्रशासन, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद , शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ) ने भाईजी के बहुआयामी व्यक्तित्व का ध्यान करवाते हुए कहा कि उनके प्रत्येक कोण से नई चमत्कृत कर देने वाली आभा फूटती है। देश को दासता से मुक्त करने के संकल्प के साथ शुरू हुआ क्रांतिकारी जीवन कवि, लेखक, संपादक, समाजसेवी, संगठनकर्ता गोसेवक एवं भगवतभक्त आदि उनके जीवन के ऐसे पहलू हैं जिनका एक व्यक्तित्व में होना ही उन्हें महामानव और एक विराट संस्था के रूप में स्थापित करता है। श्रद्धार्चन के बाद सीएम योगी ने श्रीभाईजी की पावन समाधि का दर्शन एवं पूजन किया।

संचालन डॉ. ओमजी उपाध्याय ने किया। स्वागत हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मारक समिति के संयुक्त सचिव रसेन्दु फोगला द्वारा किया गया तथा धन्यवाद ज्ञापित स्मारक समिति के सचिव उमेश कुमार सिंहानिया ने किया।

महोत्सव का शुभारंभ प्रातः काल शहनाई वादन से हुआ। अलसुबह में मंगला आरती से हुई। उसके बाद गीता वाटिका प्रांगण में संकीर्तनमय प्रभातफेरी निकली गई। प्रातः काल दैनिक कार्यक्रमों के बाद पूर्वाह्न 10 बजे से श्री भाई जी के पावन कक्ष में बधाई के पदों का गायन एवं भोग अर्पण किया गया। दोपहर में श्री गिरिराज-पूजन एवं भोग अर्पण के पश्चात् भक्तों ने विशाल भण्डारे में महाप्रसाद ग्रहण किया। पांडाल में श्रद्धार्चन का शुभारम्भ अपराह्न 03:00 बजे श्री भाईजी के टेप द्वारा वाणी श्रवण एवं संकीर्तन से हुआ।

सायंकाल श्री भाईजी की समाधि का विधिवत् पूजन किया गया , पूरे समाधि को दीपमालिका से सजाया गया । इसके पश्चात् मधुर नाम संकीर्तन हुआ । “प्रसीद मे नमामि ते पदाब्ज भक्ति देहि मे” गाते हुए पावन समाधि की परिक्रमा करने के साथ महोत्सव संपन्न हुआ ।

इस अवसर पर हरिकृष्ण दुजारी, विष्णु प्रसाद अजित सरिया, प्रमोद मातनहेलिया, ओम प्रकाश जालान, सुरंद्र पोद्दार, निर्मल जालान, कनक हरि अग्रवाल आदि लोग उपस्थित रहे।

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