धमकी देने के आरोप में पूर्व पार्षद सौरभ विश्वकर्मा के भाई समेत 15 पर मुकदमा
अपराध
आईपीसी की धारा 143 और 506 में मुकदमा
निवर्तमान हिंदू युवा वाहिनी के नेता सहित उनके परिवार को जान से मारने की धमकी देने पर गैंगस्टर सहित 15 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज
गोरखपुर। शहर के कैंट थाने में सपा नेता और पूर्व पार्षद सौरभ विश्वकर्मा उसके भाई चंदन विश्वकर्मा और शेखर विश्वकर्मा सहित 12 से 15 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा पंजीकृत हुआ है। पुलिस ने आरोपी तो सहित अज्ञात के खिलाफ आईपीसी की धारा 143 और 506 में मुकदमा दर्ज किया है। इन लोगों पर आरोप है कि इन लोगों ने विवेक गुप्ता उर्फ विवेक सूर्या को जान से मारने की धमकी दी है। पूर्व पार्षद और सपा नेता सौरभ विश्वकर्मा के छोटे भाई शेखर विश्वकर्मा ने कचहरी में विवेक सूर्या को रोककर अपने खिलाफ गवाही ना देने के लिए उन्हे धमकी दिया और उसने धमकी दी की अगर वो उनके खिलाफ गवाही देता है तो कचहरी के बाहर वो उनकी हत्या करा देगा। उस समय उसके साथ उसके दोनो भाई सौरभ विश्वकर्मा और चंदन विश्वकर्मा भी मौजूद थे। जिस समय उन लोगों ने विवेक गुप्ता को धमकी दी वहां उनका सुरक्षाकर्मी भी मौजूद था। जिसकी सूझबूझ से वो उन्हें लेकर वहां से निकल पाया।
बताते चलें विवेक गुप्ता मंगलवार को एक मुकदमे में प्रार्थी का न्यायालय में साक्ष्य होना था जिसके लिए विवेक गुप्ता न्यायालय जा रहे थे. न्यायालय परिसर में ही नई बिल्डिंग में उक्त न्यायालय के बाहर मुकदमे के सह अभियुक्त शेखर विश्वकर्मा अपने भाई चंदन विश्वकर्मा और सौरभ विश्वकर्मा और 12–13 लोगों के साथ खड़े थे। विवेक गुप्ता को देखते ही उन लोगों ने वहीं पर उन्हें रोक लिया और अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे में गवाही ना देने की धमकी दी। उन लोगों ने धमकी दी कि अगर वह उनके खिलाफ न्यायालय में गवाही देगा तो कचहरी के बाहर वह लोग उनकी हत्या करा देंगे।जिस समय आरोपी शेखर विश्वकर्मा अपने भाइयों और अन्य साथियों सहित विवेक गुप्ता को धमकी दे रहा था। उस समय विवेक के सुरक्षाकर्मी भी वहां मौजूद थे। जिन्होंने अपने सूझबूझ के साथ विवेक सूर्या को वहां से लेकर न्यायालय के पास भाग कर उनकी जान बचाई। बताते चले सौरभ विश्वकर्मा और उसके भाई चंदन विश्वकर्मा के ऊपर गैंगस्टर सहित कई धाराओं में पहले ही मुकदमा दर्ज है। विवेक सूर्या को धमकी देने के आरोप में पहले पुलिस ने उस समय तत्कालिक पार्षद के भाई चंदन विश्वकर्मा को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पूर्व में हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष रहे सुनील सिंह ने अपने समर्थकों के साथ राजघाट थाने पर पहुंचकर हंगामा किया था. आरोप यह भी था कि सुनील सिंह ने चंदन को थाने से छुड़ाने की भरपूर कोशिश भी की थी।पुलिस ने बल प्रयोग कर सुनील सिंह के समर्थकों को खदेड़ा था और 10 लोगों को गिरफ्तार भी किया था। इस मामले में तत्कालिक भाजपा पार्षद सौरभ विश्वकर्मा भी आरोपी थे।
यह विवाद की जड़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद रहते हुए हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया था और वह इस संगठन के संरक्षक थें। पिछले विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान हिंदू युवा वाहिनी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सुनील सिंह ने भाजपा से बगावत कर ली थी। इसके बाद उन्हें और उनके समर्थकों को हिंदू युवा वाहिनी से निष्कासित कर दिया गया था। बाद में सुनील सिंह ने हिंदू युवा वाहिनी भारत नाम से नया संगठन खड़ा कर लिया और खुद को उसका राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया था। इसी दौरान तत्कालिक हिंदू युवा वाहिनी के मंडल महामंत्री विवेक सूर्या से असली हिंदू युवा वाहिनी और नकली हिंदू युवा वाहिनी को लेकर कहासुनी हुई जो मामला काफी आगे तक बढ़ा था।