शौर्य दिवस पर निकला मशाल तिरंगा यात्रा, गूंजे अमर बलिदानियों के जयघोष
वातावरण में गूंजे अमर बलिदानियों, क्रांतिकारियों के जयघोष
पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव के तहत शौर्य दिवस पर निकला गया मशाल जुलूस तिरंगा यात्रा
गोरखपुर। भारत माता की जय, अमर शहीद भारत वीरों की जय, वंदे मातरम्, इंकलाब जिंदाबाद आदि गगन भेदी नारों की जय घोष घंटों वातावरण में गुंजित होते रहे। डीजे पर बज रहे देश भक्ति गीत पर राष्ट्र व देशभक्त झूमते रहे। भांगड़ा और बैंड माहौल को और भी खुशनुमा बना रहे थे। पटाखे की तेज आवाज दूर तक गूंजती रही। घुड़सवार आकर्षण का केंद्र बने रहे। अवसर था 20 दिवसीय पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव 2023 के 12 वें दिन शौर्य दिवस पर गुरुकृपा संस्थान व अखिल भारतीय क्रांतिकारी संघर्ष मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में निकला गया मशाल जुलूस तिरंगा यात्रा। शास्त्री चौक से निकला यह जुलूस कचहरी चौराहा, गोलघर, चेतना तिराहा, गणेश चौक, काली मंदिर होते हुए लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई चौराहा पर जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण,पुष्पांजलि करने के उपरांत संपन्न हुआ। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नई दिल्ली व राज्यसभा सांसद डॉ राधामोहन दास अग्रवाल ने एक हाथ में मशाल व दूसरे हाथ में तिरंगा लेकर शुभारंभ किया। जुलूस में सबसे आगे घुड़सवार उसके पीछे डीजे और डीजे के पीछे एस एस बी के जवान, स्कूली छात्र-छात्राएं, राष्ट्रभक्त नौजवान हाथों में तिरंगा,तख्ती पर बने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के चित्र, मशाल लिए जय घोष करते आगे बढ़ रहे थे। राष्ट्रीयता देशभक्ति से ओतप्रोत अमर शहीदों को समर्पित मशाल जुलूस तिरंगा यात्रा लोगों में आकर्षण का केंद्र बना रहा।
देश के युवाओं के लिए प्रेरणा हैं बिस्मिल- डॉ अग्रवाल
इससे पूर्व गोरखपुर जनर्लिस्ट्स प्रेस क्लब के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, राज्यसभा सांसद डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि सीमा सुरक्षा बल भारत डिप्टी कमांडेंट जेपी आर्या, संपादक एस्ट्रोलॉजी टुडे प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा मुंबई आचार्य पवन राम त्रिपाठी रहे। इस अवसर पर डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के क्रांतिकारी के अलावा रामप्रसाद बिस्मिल एक बेहतरीन कवि, शायर, कुशल बहुभाषाभाषी अनुवादक, इतिहासकार होने के साथ ही साहित्यकार भी थे। बिस्मिल उनका उपनाम था, जो कि उर्दू भाषा का शब्द है, जिसका मतलब है आत्मिक रूप से आहत। रामप्रसाद बिस्मिल ने राम और अज्ञात नाम से भी लेखन किया।
राम प्रसाद बिस्मिल का जीवन केवल एक क्रांतिकारी का जीवन ही नहीं है। वह देश के युवाओं के लिए प्रेरणा है। उनका पूरे जीवन बहुत सारे बदलावों से भरपूर रहा और उन बदलावों वे उन्हें ऐसे हीरे के रूपे में तराशा कि फिर जो मिला उनका मुरीद होता गया। वे क्रांतिकारियों में ही नहीं बल्कि जनजन में भी लोकप्रिय होते रहे। डॉ अग्रवाल ने संस्था के कार्यों की सराहना भी की।
कार्यक्रम के संयोजक, गुरु कृपा संस्थान के सचिव, संयोजक पंडित राम प्रसाद बिस्मिल बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव आयोजन समिति बृजेश राम त्रिपाठी ने स्वागत संबोधन में अतिथियों, आगंतुकों का स्वागत उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए बलिदानी मेला एवं खेल महोत्सव के बारे में विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो डी एन मौर्या ने की।
इस अवसर पर डा ओम प्रकाश सिंह, प्रो डी एन मौर्या, राम कृष्ण मिश्रा, प्रमोद शुक्ला, शंकर शरण दूबे, महेश चंद्र दूबे, अजय मिश्रा, गौरव त्रिपाठी, हेमंत मिश्रा, दिवाकर मिश्रा, अभिषेक जायसवाल, प्रदीप त्रिपाठी, विष्णु प्रताप सिंह, प्रदीप त्रिपाठी, अभिषेक त्रिपाठी, जुगुनू शुक्ला, अश्वनी पांडेय, रमा , शकुंतला जायसवाल, विनय शर्मा, मुकेश, राहुल विशाल मिश्रा, सुनील मिश्रा उपस्थित रहे।