राम मंदिर के लिए वीरेंद्र ने ढोया था इंट-बालू
गोरखपुर
श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर कार सेवक की जुबानी
1992 में कारसेवक वीरेन्द्र पाठक को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
प्रतीकात्मक कारसेवा में गुजरात, मध्यप्रदेश से लेकर बंगाल से पहुंचे थे कारसेवक
भाजपा विधायक लल्लन के साथ पिपराइच में गिरफ्तार हुए थे वीरेन्द्र पाटक
सपना पूरा हुआ, अब मनाएंगे दिवाली
गोरखपुर। भव्य मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तिथि के नजदीक आ रही है तो उन सभी लोगों में उत्साह है जिन्होंने कारसेवा को लेकर एक कदम भी चला था। पिपराइच के रहने वाले वीरेन्द्र पाठक भी कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में विहिप के आह्वान पर आयोजित हुए प्रतिकात्मक कारसेवा में भाग लिया था। जहां उन्होंने राम मंदिर के लिए इंट-बालू ढोया था।
रामभक्त वीरेन्द्र पाठक को राम मंदिर को लेकर हुए आंदोलन जुबां पर याद है। उनकी आंखों के सामने पूरा वाकया घूम रहा है। वीरेन्द्र पाठक बताते हैं कि कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्वकाल में विहिप की तरफ से प्रतीकात्मक कारसेवा के लिए अयोध्या बुलाया गया था। वहां मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र से लेकर देश के सभी हिस्सों से कारसेवक जुटे थे। हम सभी को कारसेवक पुरम में ठहराया गया था। सुबह कनक भवन से राम मंदिर तक के लिए बालू और ईंट ढोकर ले गए थे। बाद में वापस आ गए। वीरेन्द्र ने बताया कि वर्ष 1992 में कारसेवा के लिए भाजपा नेता लल्लन तिवारी, अमरनाथ जायसवाल, सुरेन्द्र मद्धेशिया आदि के साथ निकला था। लेकिन बाद में पुलिस ने हम लोगों की पिपरा मंदिर के पास गिरफ्तार कर लिया।
बशारतपुर में हम लोगों को नजरबंद कर रखा गया था। वह बताते हैं कि राम मंदिर आंदोलन के समय स्थितियां विकट थीं। लोग शौच करने जाते तो उनकी गिरफ्तारी हो जाती थी। स्थिति यह थी कि रामभक्त तत्कालीन सरकार के विरोध में सड़क पर मुलायम सिंह यादव का पुतला नहीं फूंक पाते थे तो खलिहान में पुतला बनाकर फूंकते और विरोध दर्ज कराते थे।
सपना पूरा हुआ, अब मनाएंगे दिवाली
अब जब 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य कार्यक्रम होने जा रहा है तो कारसेवकों में काफी उत्साह है। वीरेन्द्र पाठक कहते हैं कि घर- घर दिवाली मनाया जाएगा। पिपराइच में मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ होगा। दीप जलाकर हम अपने राम का स्वागत करेंगे।