भरतमुनि जयंती पर निकाली रंगयात्रा
गोरखपुर
समाज को एक सूत्र में बांधने की कला है रंगमंच : अवनीश पी शर्मा
संस्कार भारती गोरक्ष प्रांत व गोरखपुर थिएटर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ कार्यक्रम
भरतमुनि के चित्र पर पुष्प व माला पहनाकर किया पूजन
रंगयात्रा में जुटे नये पुराने रंगकर्मी
गोरखपुर। संस्कार भारती गोरक्ष प्रांत व गोरखपुर थियेटर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में रंगयात्रा निकाली गई। भरतमुनि जयंती पर रविवार को गोलघर स्थित चेतना तिराहे से रविवार को रंगयात्रा निकाली गई। सबसे पहले उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पूजन अर्चन किया गया। रंगयात्रा में शहर के युवा रंग कर्मियों के साथ साथ पुराने वरिष्ठ रंगकर्मी भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
रविवार दोपहर से चेतना तिराहे पर शहर के रंगकर्मियों सांस्कृतिक कर्मियों का जुटना शुरू हो गए। ठीक 12 बजे भरतमुनि के चित्र पर भारतीय सांस्कृतिक संबन्ध परिषद (ICCR) भारत सरकार के सलाहकार सदस्य अवनीश पी शर्मा एवं रंगकर्मियों द्वारा पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। जिसमें युवा व वरिष्ठ रंगकर्मियों ने गीत प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात वहां से रंग यात्रा निकली जो इंदिरा बाल बिहार से होते हुए कचहरी चौराहा, गोलघर होते हुए पुनः चेतना तिराहा पहुंच कर संपन्न हुआ। यात्रा में सांस्कृतिक कर्मियों द्वारा रंग कर्मियों के ऊपर फूल बरसा कर स्वागत किया। यात्रा के दौरान रंग कर्मियों द्वारा भरतमुनि अमर रहे आदि गगनचुंबी नारों के साथ रास्ते भर गीत गवनई करते हुए रंगयात्रा का शोभा बढ़ाते रहें।
रंगयात्रा समापन के बाद सभी कलाकारों को संबोधित करते हुए सलाहकार सदस्य अवनीश पी शर्मा ने कहा केवल मनोरंजन के लिए रंगमंच नहीं होता है। रंगमंच हमें बहुत कुछ सिखा जाती है। समाज को एक सूत्र में बांधने की कला है रंगमंच। इस अवसर का सदुपयोग समाज को एक सूत्र में बांधने के लिए करना चाहिए । यह रंगयात्रा कलाकारों के लिए उत्साह व ऊर्जा का माध्यम बनेगा। कलाकारों के लिए मुझसे जो सहयोग होगा ओ मैं करता रहूंगा। प्रांतीय अध्यक्ष डा मिथिलेश ने कहा की यह आयोजन मात्र रंगकर्मियों का ना होकर समस्त साहित्य एवं संस्कृति कर्मियों का रहा है । डा भारत भूषण ने कहा की नगर में कला और संस्कृति का अनुकूल माहौल भविष्य में बने इस आशा के साथ यह यात्रा निकाली गई है। गोरखपुर थिएटर एसोसिएशन के सचिव मानवेंद्र त्रिपाठी ने कलाकारों को अब लगातार मंच मिल रहा है जिसकी वजह से उन्हें मुंबई यदि दिल्ली पलायन नहीं करना पड़ता। हर वर्ष कम से कम 20 नाटकों का मंचन किया जाता है जिसमें यहां के युवा कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने की मौका मिलता है। यात्रा का संयोजन प्रांतीय सह महामंत्री प्रेम नाथ ने तथा संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी अजीत प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर अशोक महर्षि, आसिफ जहीर, श्री नारायण पाण्डेय, रीना जायसवाल, डा सुशीला, डा आशीष, अजय आदि ने संबोधित किया। इस दौरान शहर के अन्य नाट्य संस्थाओं के रंगकर्मी भी उपस्थित रहे जिसमें डा हर्षवर्धन राय, रीता श्रीवास्तव, अनुपम सहाय, कन्हैया श्रीवास्तव, सुधीर श्रीवास्तव, देशबंधु पांडेय, गुलाम हसन खान, विजय सिंह, राजकुमार, रचना धूलिया, डा जयश्री द्विवेदी, विवेक अस्थाना, विश्व मोहन,आशा, अंजना लाल, गीता श्रीवास्तव, श्रेयश, आलोक, सोमनाथ, रितिका, सुनीषा श्रीवास्तव, आदर्श, राहुल सहित सैकड़ों की संख्या में रंगकर्मी उपस्थित रहे।