आर्थिक विकास की प्रक्रिया में महिला उद्यमिता का महत्वपूर्ण स्थान : डॉ. सीमा श्रीवास्तव
गोरखपुर
बौद्धिक सत्र में “महिला उद्यमिता” विषय पर हिंदी की प्रवक्ता डॉ.लक्ष्मी वर्मा ने पुनर्निर्माण से विकास योजना पर किया व्याख्यान
महाराणा प्रताप महिला पीजी कॉलेज में आयोजित सप्त दिवसीय विशेष शिविर के चौथे दिन हुई रंगोली प्रतियोगिता
गोरखपुर। राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत सप्त दिवसीय विशेष शिविर ( 26 फरवरी से 03 मार्च, 2024 ) का आयोजन किया गया। रामदत्तपुर स्थित महाराणा प्रताप महिला पीजी कॉलेज में आयोजित शिविर के चतुर्थ दिवस गुरुवार को प्रथम सत्र में छात्राओं द्वारा रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रंगोली प्रतियोगिता में छात्राओं ने पूरे मनोयोग से प्रतिभागिता की तथा विविध प्रकार की कलात्मक अभिरुचियों का परिचय दिया। निर्णायक मंडल में डॉ.मांगलिका त्रिपाठी, डॉ. प्रिया तिवारी एवं सुश्री नम्रता मिश्रा की उपस्थिति रही। जिसके अंतर्गत प्रथम स्थान ग्रुप-ई काशिफा शैफ, प्रीति भारती, सोनम विश्वकर्मा, सकीना खातून, द्वितीय स्थान ग्रुप डी अंजली शर्मा, अंशु चौहान, सरोज कुमारी, पूजा कुमारी तथा तृतीय स्थान ग्रुप सी सोनी, सलोनी सहानी,साजदा बानो, रामरति पासवान का रहा। कार्यक्रम के क्रम में द्वितीय बौद्धिक सत्र में “महिला उद्यमिता” विषय पर हिंदी की प्रवक्ता डॉ.लक्ष्मी वर्मा ने अपशिष्ट पदार्थों द्वारा पुनर्निर्माण से विकास योजना पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि पुनर्निर्माण विकास कौशल के द्वारा हम अपने समाज एवं देश के लिए आर्थिक उन्नति का कार्य कर सकते हैं। कलात्मक विकास के साथ महिलाओं को रोजगार भी प्राप्त होगा।
स्वयं सेविकाओं को आशीर्वचन देते हुए महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सीमा श्रीवास्तव ने कहा कि आर्थिक विकास की प्रक्रिया में महिला उद्यमिता का महत्वपूर्ण स्थान है। इसके अन्तर्गत अपशिष्ट पदार्थ का प्रयोग नई सामग्रियों और उत्पादों के निर्माण के लिए संसाधनों को पुन: प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। प्लास्टिक, कागज, एल्यूमीनियम, कांच और धातु से विभिन्न प्रकार के सामग्रियां बनाई जा सकती हैं। इससे प्रदूषण रहित शुद्ध भारत का निर्माण होना संभव होगा।
इस अवसर पर समस्त प्रवक्तागण एवं स्वयंसेविकाओं की उपस्थिति रही।