मानसिक रोग के लक्षण दिखें तो कराएं जांच और इलाज
संजीवनी
पिपराईच सीएचसी पर विशाल मानसिक स्वास्थ्य ओपीडी और जागरूकता शिविर आयोजित
सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली में उपलब्ध है मानसिक रोगों का इलाज
गोरखपुर। मानसिक रोग किसी को भी हो सकता है । अगर यह समय से पता चल जाए तो इसका इलाज भी हो सकता है। यह रोग न तो विचित्र है और न ही कलंक । ऐसे में अगर किसी में भी मानसिक रोग का लक्षण नजर आए तो तुरंत जांच व इलाज करवाना चाहिए । यह बातें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपराईच के अधीक्षक डॉ मणि शेखर ने कहीं । वह पिपराईच सीएचसी पर आयोजित विशाल मानसिक स्वास्थ्य ओपीडी एवं जागरूकता शिविर को सम्बोधित कर रहे थे । शिविर का शुभारम्भ ब्लॉक प्रमुख जनार्दन जायसवाल ने बतौर मुख्य अतिथि किया। ब्लॉक प्रमुख ने जनसमुदाय से अपील की कि सरकारी स्वास्थ्य प्रणाली में मानसिक रोगों का इलाज उपलब्ध है, इसलिए लक्षण दिखने पर तुरंत जांच कराएं।
राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम के चिकित्सक डॉ अमित शाही ने लोगों को बताया कि नींद न आना या देर से नींद आना, उदास या मायूस रहना, चिन्ता, घबराहट, उलझन, किसी कार्य में मन न लगना, आत्म हत्या का विचार आना, उल्टा सीधा बोलना, गाली गलौज करना, अत्यधिक गुस्सा करना, बेहोशी के दौरे आना, नशा करना, बेवजह शक करना, सिर दर्द या भारीपन, बुद्धि का कम विकास होना, आवश्यकता से अधिक सफाई, एक ही कार्य को बार बार करना, भूत प्रेत, देवी देवता आदि का भय होना मानसिक रोग का लक्षण भी हो सकता है । ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
नैदानिक मनोवैज्ञानिक रमेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि मानसिक रोगियों और खासकर अवसाद के रोगियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9336929266 प्रत्येक कार्य दिवस में सक्रिय रहता है, जिस पर फोन करके आवश्यक मदद ली जा सकती है । जिला अस्पताल में प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को कक्ष संख्या 49 और 50 में मानसिक रोगियों के लिए ओपीडी चलती है। इसके अलावा डेरवा, गगहा, पाली, गोला, पिपराईच, ब्रह्मपुर, सरदारनगर और बांसगांव में रोस्टर के अनुसार मंगलवार, बृहस्पितवार एवं शनिवार को टीम विजिट करती है। कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी डॉ एके चौधरी के दिशा निर्देशन में किया जा रहा है।
कार्यक्रम में चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद कुमार, डॉ प्रभात कुमार, डॉ स्वाति त्रिपाठी, डॉ मधुरिमा, स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी संजय सिंह, बीपीएम प्रशांत गोविंद राव, सीएचसी स्टॉफ मनीषा राव, साधना सिंह, रीना, सुरेश यादव, साइकिट्रिक सोशल वर्कर संजीव, साइकिट्रिक नर्स विष्णु शर्मा और कम्युनिटी नर्स प्रदीप वर्मा ने विशेष सहयोग किया । शिविर में आए 239 लोगों की जांच की गयी, जिसमें से 71 मानसिक रोगी मिले। सभी रोगियों को आवश्यक दवाएं दी गयीं। साथ ही मरीजों के अभिभावकों को भी परामर्श दिया गया।
बेटे को मिली दवाई
नथुआ गांव की कालिंदी देवी (50) ने बताया कि उनके 22 वर्षीय बेटे को बुखार के साथ मानसिक रोग की भी दिक्कत है । गांव में एएनएम ने जानकारी दी थी कि शिविर में जिले से डॉक्टर आएंगे। वह बच्चे को शिविर में लेकर आई थीं। जांच के बाद दवा भी दी गयी है । साथ ही दोबारा फॉलोअप के लिए बुलाया गया है। वह बच्चे का इलाज करवाने मेडिकल कॉलेज जाती हैं। अगर कैम्प की दवा से फायदा हुआ तो दौड़भाड़ से बच जाएंगी।