संपति से नहीं बल्कि सत्संग से ही जीव का कल्याण : श्रीराधाकृष्ण
गोरखपुर
भाईजी के 53वीं तिरोधान पर गीता वाटिका में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा
गोरखपुर। भाईजी श्रीहनुमानप्रसादजी पोद्दार की 53वीं तिरोधान तिथि चैत्र कृष्ण दशमी तद्नुसार कथा के दूसरे दिन श्रीभाईजी की तपस्यास्थली गीतावाटिका प्रांगण में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत में वर्णित प्रमुख स्तुति-प्रसंगों पर आधारित कथा का आयोजन किया गया है।
संपति होने से किसी मनुष्य का कल्याण नहीं होता बल्कि सत्संग ही जीव का कल्याण करता है। यह बातें पूज्य गोवत्स श्रीराधाकृष्ण जी महाराज (जोधपुर) ने व्यासपीठ से बुधवार को कथा में स्तुति के व्यापक सन्दर्भों के विषय में बताया। उन्होंने कहा कि ठाकुर जी से सम्बंधित जों भी श्रद्धावान लोग है उनको सत्संग मिलता रहता है क्योंकि, संपत्ति से सीधे-सीधे कल्याण किसी का होता नहीं हैI संपत्ति के सदुपयोग की स्तिथि को कोई संपत्ति के सदुपयोग करें तो कल्याण है लेकिन सिर्फ संपत्ति के होने से कल्याण होता नहीं किन्तु सत्संग जों है वो जीव का कल्याण करता है तो ऐसा दिव्य सत्संग का सुवसर पूज्य भाईजी की कृपा से हम सभी को अनवरत रूप से मिलता रहता है I
कथा का आयोजन 02 अप्रैल से 08 अप्रैल 2024 तक गीतावाटिका प्रांगण में नियमित रूप से किया जायेगा। कथा का समय प्रतिदिन अपराह्न 03:00 से 07:00 बजे तक रहेगा। इसी अवधि में प्रतिदिन प्रातः 10:00 बजे से 12:00 बजे तक श्रीभाईजी द्वारा रचित पदों के संग्रह ग्रन्थ ‘पद रत्नाकर’ के पदों के गायन का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है। गीतावाटिका के कार्यक्रमों की श्रृंखला में श्रीभाईजी की पावन स्मृति में दिनांक- 07 अप्रैल 2024 (रविवार) को प्रातः 07:00 बजे से गीतावाटिका प्रांगण से ‘‘नगर संकीर्तन यात्रा’’ निकली जायेगी। जो गीतावाटिका से प्रारम्भ होकर जेल रोड तिराहा, असुरन चौक, श्रीविष्णु मंदिर (मेडिकल रोड) होते हुए वापस गीतावाटिका पहुँचकर सम्पन्न होगी। श्रीभाईजी की पुण्यतिथि चैत्र कृष्ण दशमी (तदनुसार 04 अप्रैल 2024, गुरुवार) को प्रातः 07:00 बजे ‘‘समाधि समर्चना’’ का कार्यक्रम होगा।
कथा में उमेश कुमार सिंहानिया, रसेन्दु फोगला, श्रीमती अंजलि पराशर, मनमोहन जाजोदिया, दीपक गुप्ता आदि महानुभावों के साथ ही भारी संख्या में भक्तो की उपस्थिति रही।