संस्कृति और परम्परा से जोड़ने का अद्भुत प्रयास है समर कैम्प : महापौर
गोरखपुर
बच्चों को भारतीय संस्कृति और परम्परा से जोड़ने का अद्भुत प्रयास कर रहा है बालस्वर : महापौर डा. मंगलेश्
“बच्चों की गर्मियों की छुट्टी के सदुपयोग के लिए, उनकी रुचि के अनुसार उनकी प्रतिभा के विकास के लिए बालस्वर द्वारा प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाला समर कैम्प एक सार्थक और सकारात्मक कदम है। बालस्वर पिछले सत्ताईस सालो से बच्चों को भारतीयता से जोड़ने, उन्हें संस्कारित करने का काम कर रहा है जिससे हमारे देश का कल सुनहरा होगा।
ये बातें महापौर डा मंगलेश् श्रीवास्तव ने कही। वे सरस्वती विद्या मन्दिर में आयोजित “बालस्वर समर कैंप’ के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। डा मंगलेश् ने कहा कि नन्हें मुन्ने बच्चों का मन बहुत ही कोमल होता है, बचपन में हम जो संस्कार उनको देते हैं, बड़े होकर वे वैसा ही व्यवहार करते हैं। उन्होंने कहा कि बालस्वर पिछले 27 वर्ष से बच्चों की प्रतिभा को पहचान दिलाता रहा है, समर कैंप उस कोशिश को मूर्त रूप प्रदान करता है, जिसके लिए बालस्वर की पूरी टीम बधाई की पात्र है।’
इसके पूर्व कार्यक्रम का आरंभ महापौर डा मंगलेश् श्रीवास्तव, सरस्वती विद्या मन्दिर के संस्थान प्रमुख श्री शिव जी सिंह, डा चमन राय, प्राचार्य , विद्या मंदिर शिक्षण संस्थान ने मा सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया। बालस्वर सेवा संस्थान के अध्यक्ष अचिंत्य लाहिड़ी ने अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में बालस्वर से प्रशिक्षण प्राप्त गौरी द्वारा प्रस्तुत गणेश वन्दना से हुआ। रूबी और रूचि द्वारा प्रस्तुत कलबेलिया नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया । अनन्या द्वारा प्रस्तुत भाव नृत्य ने दर्शकों की वाहवाही लूटी। दर्शकों के आग्रह पर एक बार फिर रूचि और रूबी राधा कृष्ण पर आधारित मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया।
सरस्वती विद्या मन्दिर के संस्थान प्रमुख श्री शिवजी सिंह ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा के विकास में बालस्वर सदैव की भाँति अपनेी ज़िम्मेदारी निभा रहा , नित नयी सोच के साथ बच्चों को संस्कारवान बनाने की इनकी मुहिम आज भी जारी है। इसके लिए बालस्वर की पूरी टीम बधाई की पात्र है । विद्या मन्दिर शिक्षण संस्थान के प्राचार्य डा चमन राय ने कहा कि बालस्वर के विचार धारा है जो बच्चों के चारित्रिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास का अब पर्याय बन चुका है। ये एक सांस्कृतिक आन्दोलन बन चुका है। ये इस बात का प्रमाण है कि बालस्वर की टीम कितनी ऊर्जावान और सकारात्मक है।
कार्यक्रम का संचालन बालस्वर के निदेशक मनोज श्रीवास्तव ने किया। आभार प्रकट अध्यक्ष अचिंत्य लाहिड़ी ने सभी के प्रति किया।
कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय कमेटेटर अशोक गुप्ता, बाल स्वर के अध्यक्ष अचिंत्य लाहिड़ी, संस्थापक राजेश कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ साहित्यकार श्री कलीमुल हक़ बालस्वर सेवा संस्थान के सचिव जीतेन्द्र देव उपाध्याय, उपाध्यक्ष कृष्ण मुरारी मुन्ना, वरिष्ठ सदस्य जितेंद्र कुमार, स्वर भारती मानस संघ के संस्थापक राजेश श्रीवास्तव, डा शोभित श्रीवास्तव, कैम्प के संयोजक राहुल चौरसिया, सह संयोजक आर्यन मदधेशिया , रूपरानी, नरेंद्र प्रताप सिंह कृष्णा , विवेक सोनकर, प्राची त्रिपाठी, साक्षी मिश्रा , विशाल अनन्या आदि मौजूद रहे।