फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में पांच साल तक दवा खाना जरूरी

गोरखपुर

10 अगस्त से दो सितम्बर तक खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा
सीएमओ ने पत्र लिख कर छह विभागों से मांगा विशेष सहयोग
लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से बचाव के लिए साल में एक बार पांच साल तक लगातार दवा खाना जरूरी
गोरखपुर। जिले के लोगों को लाइलाज बीमारी फाइलेरिया से बचाने के लिए अगले माह दस अगस्त से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान शुरू किया जाएगा। इसके तहत दस अगस्त से दो सितम्बर तक तीन सदस्यों की टीम घर घर जाकर लोगों को बचाव की दवा खिलाएंगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए चौदह अलग अलग विभागों के मुखिया और अन्य स्टेकहोल्डर्स को पत्र भेजा है । उन्होंने पत्र के जरिये छह प्रमुख विभागों से विशेष सहयोग करने के लिए कहा है। लाइलाज बीमारी फाइलेरिया (हाथीपांव)से बचने के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार बचाव की दवा का सेवन जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला पंचायती राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, अधीक्षक कारागार, जिला सूचना अधिकारी, आईएमए अध्यक्ष, स्वयं सहायता समूहों के जिला मिशन मैनेजर, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा के साथ साथ सभी नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को पत्र लिखा है । पत्र में बताया गया है कि फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को छोड़ कर सभी लोगों को करना है। एक से दो वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को सिर्फ एल्बेंडाजोल दवा खिलाई जाती है, जबकि दो वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अलग अलग आयु वर्ग के अनुसार फाइलेरिया से बचाव की दो दवाएं निर्धारित मात्रा में खिलाई जाती हैं। दवा का सेवन भोजन या नाश्ते के बाद विभागीय टीम के सामने ही करना होगा।
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि इस बार जिले के शहरी क्षेत्र के चौदह प्लानिंग यूनिट में यह अभियान नहीं चलेगा, क्योंकि इन इकाइयों ने प्री टास (ट्रासमिशन एसेसमेंट सर्वे) गतिविधि को पास कर लिया है। इन्हें छोड़ कर पूरे जिले में अभियान चलेगा । पहली बार अभियान की टीम में एक पुरुष सदस्य भी रखा जाएगा ताकि हाथीपांव और हाइड्रोसील के नये पुरूष मरीजों की भी आसानी से पहचान की जा सके। प्रत्येक टीम को एक दिन में 25 घर का भ्रमण कर कम से कम 125 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलानी होगी। जिले में इस समय हाथीपांव के 2872 मरीज और हाइड्रोसील के 420 मरीज हैं। सहयोगी संस्था प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) के प्रतिनिधि प्रणव पांडेय की मदद से अन्तर्विभागीय संवेदीकरण व जनजागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन और पाथ संस्था के प्रतिनिधिगण तकनीकी सहयोग करेंगे। जिले के पिपराईच और चरगांवा ब्लॉक में बने फाइलेरिया रोगी नेटवर्क की पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी मदद ली जाएगी।
छह विभागों से मांगा गया यह सहयोग
पंचायती राज और नगरीय निकाय से जुड़े जनप्रतिनिधि और अधिकारी खुद फाइलेरिया रोधी दवा खाकर दूसरों को इसके लिए प्रेरित करें। शिक्षक दवा का सेवन करने के साथ साथ बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करें। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अभियान से पहले ही बीमारी की भयावहता के बारे में लोगों से चर्चा करें और अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता के साथ सक्रिय भूमिका निभाते हुए दवा का सेवन करवाएं। आजीविका मिशन से जुड़े स्वयं सहायता समूह के सदस्य बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करें और अपने घर के आसपास लोगों को दवा खाने के लिए प्रेरित करें। कोटेदार राशन वितरण के दौरान जागरूकता अभियान चलाएं और दवा खाने से इनकार करने वाले लोगों को प्रेरित कर दवा खिलवाएं।
इन प्लानिंग यूनिट में नहीं चलेगा अभियान
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि गोरखपुर के शहरी क्षेत्र के बसंतपुर, बेतियाहाता, सिविल लाइन, दीवान बाजार, जटेपुर, पुर्दिलपुर, शाहपुर, जाफरा बाजार, अंधियारीबाग, इस्लामचक, बिछिया, तारामंडल, शिवपुर सहबाजगंज और इलाहीबाग में एमडीए अभियान नहीं चलेगा।
शहर में इन जगहों पर चलेगा अभियान
झरना टोला, नथमलपुर, मोहद्दीपुर, हुमायुंपुर, तुर्कमानपुर, छोटे काजीपुर और गोरखनाथ

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