भिखारी ठाकुर सम्मान से सम्मानित किए गए हरि प्रसाद सिंह, मानवेंद्र त्रिपाठी और विंध्याचल आज़ाद
गोरखपुर
भिखारी ठाकुर भोजपुरी के अनगढ़ हीरा : अनिल राय
भिखारी ठाकुर भोजपुरी साहित्य संस्कृति के जागरण के अग्रदूत
गोरखपुर। भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया भाई के तत्वावधान में भोजपुरी के लोक कलाकार “भिखारी ठाकुर” के पुण्य तिथि पर संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन हुआ।
विजय चौक स्थित एस एस एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ भाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राकेश श्रीवास्तव, क्षेत्रीय निदेशक रूप कुमार बनर्जी, संरक्षक कनक हरि अग्रवाल द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। बतौर मुख्य वक्ता प्रो अनिल राय ने भिखारी ठाकुर के भूमिका एवं महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि उनके काव्य एवं नाटकों के विषय और उनके सामाजिक-सांस्कृतिक सरोकार कई दशकों बाद आज भी हमारे समय और समाज के लिए प्रेरणा के श्रोत है। लोकजीवन एवं लोक सांस्कृतिक के ज्ञान और संवेदना के बिना किसी और चरित्र शिक्षण के जो रूप भिखारी ठाकुर के रचना कर्म में जिस रूप में व्यक्त हुए हैं वह उनकी अप्रतिम प्रतिभा का प्रमाण है। प्रो. दीपक त्यागी, दी द उ गो वि विद्यालय गोरखपुर ने कहा भिखारी ठाकुर भोजपुरी साहित्य संस्कृति के जागरण के अग्रदूत हैं। उन्होंने शेक्सपियर की तरह ही साहित्य को कल्पना ,भाव से जोड़कर साहित्य को लोक जीवन का अंग बनाया।वे भोजपुरी समाज के संघर्ष एवं प्रतिरोध के नायक है।भिखारी ठाकुर के साहित्य के माध्यम उनके समय का इतिहास हमें दिखाई देता है।विदेसिया नाटक के निर्देशक मानवेंद्र त्रिपाठी , लोक कला संरक्षक हरि प्रसाद सिंह एवं फरुवाही नृत्य कलाकार विंध्याचल आज़ाद को भिखारी ठाकुर स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विदेसिया नाटक के कुछ प्रमुख प्रसंगों की प्रस्तुति पवन पंक्षी, पिंटू प्रीतम, प्रदीप सिंह, बंटी बाबा, नवीन तिवारी एवं आकांक्षा द्वारा प्रस्तुत किया जिसे देखकर सभी मंत्र मुग्ध हो गए। संचालन शिवेंद्र पांडेय द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में प्रवीण श्रीवास्तव, ध्रुव श्रीवास्तव, राकेश मोहन, विजय श्रीवास्तव, अंजना लाल, लक्ष्मी गुप्ता, एकता शुक्ला, निधि श्रीवास्तव, शिवेश चतुर्वेदी सहित तमाम संस्कृति प्रेमियों की उपस्थिति रही।