नई पीढ़ी को पारम्परिक लोकगीतों से जोड़ना उत्कृष्ट कार्य : प्रो उषा सिंह

गोरखपुर

भोजपुरी लोक संस्कृति हमारी पहचान है : दुर्गेश चंचल 

शारदा संगीतालय द्वारा 10 दिवसीय पारम्परिक लोकगीतों की प्रस्तुति परक कार्यशाला का शुभारंभ

राकेश श्रीवास्तव ने प्रधम दिवस को माँ शारदा का गीत हे मईया शारदा तूँ हमके सवाँर दा…को प्रशिक्षित कराया

लक्ष्मी गुप्ता, रानु पांडेय, अविका श्रीवास्तव, उषा श्रीवास्तव, अर्पिता सिंह, शिवांगी, अंजना लाल, राधा, अंशिका सिंह, वीरसेन सूफ़ी, बँटी बाबा, पवन कुमार सहित 30 प्रतिभागी ने कराया पंजीकरण

संबोधन करते मुख्य अतिथि डॉ उषा सिंह साथ में कार्यशाला निर्देशक राकेश श्रीवास्तव, कनक हरि अग्रवाल और समाजसेवी दुर्गेश चंचल।

गोरखपुर। नई पीढ़ी को पारंपरिक लोकगीतों से जोड़ने का कार्य बहुत ही प्रशंसनीय है इसके लिये मैं संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश को धन्यवाद देना चाहूँगी।

यह बातें बतौर मुख्य अतिथि डॉ उषा सिंह, विभागाध्यक्ष, संगीत और ललित कला विभाग दीन दयाल उपाध्याय गोविवि ने कही। संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से शारदा संगीतालय द्वारा 10 दिवसीय16 से 25 जुलाई, 2024, तक पारम्परिक लोकगीतों की प्रस्तुति परक कार्यशाला के शुभारंभ के अवसर पर कही। बतौर विशिष्ट अतिथि समाजसेवी दुर्गेश चंचल ने कहा कि भोजपुरी संस्कृति हमारी पहचान है पारम्परिक लोकगीतों का संरक्षण समाज के लिए बहुत ही उपयोगी है।

कार्यशाला के निर्देशक डॉ राकेश श्रीवास्तव ने कहा पारंपरिक लोकगीतों को संरक्षित करने हेतु मैं कृत संकल्पित हूँ। इसी उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन समय समय पर करता हूँ, मेरे कार्यशाला में प्रशिक्षित प्रतिभागी विभिन्न मंचों पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहे हैं। प्रथम दिन मंगलवार को प्रतिभागियों ने माँ शारदा का गीत हे मईया शारदा तूँ हमके सवाँर द……सीखा।

कार्यक्रम का संचालन शिवेंद्र पांडेय ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कनक हरि अग्रवाल ने किया।

प्रतिभागियों में लक्ष्मी गुप्ता, रानु पांडेय, अविका श्रीवास्तव, उषा श्रीवास्तव, अर्पिता सिंह, शिवांगी, अंजना लाल, राधा , अंशिका सिंह, वीरसेन सूफ़ी, बँटी बाबा, पवन कुमार सहित लगभग 30 प्रतिभागी ने कार्यशाला हेतु पंजीकरण कराया।

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