नियमित टीकाकरण में प्रदेश के लिए ‘‘रोल मॉडल’’ बनेगा गोरखपुर

गोरखपुर

शहर के चार उच्च जोखिम इलाकों में आशा कार्यकर्ता के साथ घर घर सर्वे करने उतरीं नर्सिंग की छात्राएं

मुख्य विकास अधिकारी की पहल पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से हो रहा है नवाचार

गोरखपुर। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में नर्सिंग छात्राओं के योगदान के नवाचार के जरिये गोरखपुर जिला पूरे प्रदेश में ‘’रोल मॉडल’’ बनने जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा की पहल पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में पूरे प्रदेश में यह प्रयोग सिर्फ गोरखपुर जिले में किया जा रहा है। इसकी शुरूआत नियमित टीकाकरण के दृष्टिकोण से शहर के चार उच्च जोखिम इलाकों से शुक्रवार को हो गयी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण में नर्सिंग की छात्राओं ने आशा कार्यकर्ता के साथ साथ घर घर जाकर सर्वे शुरू कर दिया। यह सर्वे गोरखनाथ, जाफरा बाजार, निजामपुर और हुमायूंपुर के प्रत्येक घर में होगा और उन बच्चों को ढूंढा जाएगा जो टीकाकरण के पात्र लाभार्थी हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि यह एक थर्ड पार्टी सर्वे है जो काफी विश्वसनीय होगा और इसकी मदद से हर उस बच्चे तक नियमित टीकाकरण की सेवा पहुंच सकेगी जो किसी कारण से वंचित रह गये या जिनका कोई टीका छूट गया हो। सभी क्षेत्र में एक आशा कार्यकर्ता के साथ नर्सिंग की दो दो छात्राओं वाली दो टीम कार्य कर रही हैं। गोरखनाथ नर्सिंग स्कूल, सावित्री नर्सिंग स्कूल, गंगोत्री देवी नर्सिंग कॉलेज, फातिमा नर्सिंग कॉलेज और पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग की करीब 200 नर्सिंग छात्राएं सर्वे कार्य में जुट गयी हैं। इनकी मदद से नियमित टीकाकरण की महत्ता का भी संदेश दिया जा रहा है और लोगों को बताया जा रहा है कि उनके नजदीकी शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है।

अंधियारीबाग में सर्वे कार्य में जुटी पैसिफिक कॉलेज ऑफ नर्सिंग की छात्रा रागिनी, पूनम, शिखा और सोनिया ने बताया कि वह अपने शिक्षक पैट्रिक के साथ आई हैं। उन्हें डब्ल्यूएचओ की अधिकारी डॉ श्रेष्ठा पांडेय व उनकी टीम ने सर्वे के बारे में ब्रीफ किया और फिर वह क्षेत्र में निकल गईं। उन्हें बताया गया कि हर ऐसे परिवार के बच्चों का विवरण दर्ज किया जाए जो उनके क्षेत्र में हैं। आशा कार्यकर्ता उन्हें क्षेत्र से परिचित करवा रही हैं। इसी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता मधु रावत ने बताया कि वह वर्ष 2017 से सेवा दे रही हैं। इस प्रकार का प्रयोग पहली बार हुआ है और इससे काफी फायदा भी होगा। नर्सिंग छात्राओं की बात को लोग और भी गंभीरता से ले रहे हैं। प्रतिदिन एक टीम को करीब 50 से 70 घरों का सर्वे करना है।

समन्वित प्रयासों से मिलेगी सफलता

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस नवाचार को सफल बनाने में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ हरिओम पांडेय, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ विनय शंकर और अन्य सहयोगी संस्थाएं मदद कर रही हैं। हमे उम्मीद है कि यह मॉडल पूरे प्रदेश के लिए एक अनुकरणीय मॉडल बन सकेगा।

सरकारी टीके पर है विश्वास

अंधियारीबाग में अपने मायके आई सविता यादव (27) ने बताया कि उनके घर सर्वे की टीम आई थी। उनका बच्चा बारह महीने का है। बच्चे को लग चुके टीके का विवरण लिया गया है। इसके लिए वाट्स के जरिये उनके ससुराल से एमसीपी कार्ड मंगाया गया। वह जब भी मायके आती हैं अंधियारीबाग शहरी स्वास्थ्य केंद्र से बच्चे का टीकाकरण करवाती हैं। अच्छी सुविधा मिल रही है।

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