हिंदी धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक संपर्क की भाषा : आचार्य निर्मल
गोरखपुर
गोरखपुर। सरस्वती शिशु मंदिर पक्की बाग में हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य एवं हिंदी प्रवक्ता निर्मल यादव ने कहा कि हिंदी धार्मिक, राजनीतिक, आर्थिक संपर्क की भाषा है। पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर सन 1953 को मनाया गया। हिंदी दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी के प्रति लोगों को जागरूक करना है। हमें अपनी मातृभाषा हिंदी के प्रति गर्व होना चाहिए। हिंदी भाषा देश को एकता के सूत्र में पिरोती है। पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का प्रचार, प्रसार करने का श्रेय एकमात्र हिंदी भाषा को जाता है। इस भाषा का उपयोग संपूर्ण भारत सहित विश्व के कई देशों में किया जाता है। आज लगातार हिंदी का प्रचार प्रसार हो रहा है।
कई लोग अपने सामान्य बोलचाल में भी अंग्रेज़ी भाषा के शब्दों का उपयोग करते हैं, जिससे धीरे धीरे हिन्दी के अस्तित्व को खतरा पहुँच रहा है। जिस प्रकार से टेलीविजन से लेकर विद्यालयों तक और सामाजिक संचार माध्यम से लेकर निजी तकनीकी संस्थानों एवं निजी कार्यालयों तक में अंग्रेजी का दबदबा कायम है। उससे लगता है कि अपनी मातृभाषा हिन्दी धीरे–धीरे क्षीण और फिर दशकों बाद विलुप्त ना हो जाये। यदि शीघ्र ही हम छोटे–छोटे प्रयासों द्वारा अपनी मातृभाषा हिन्दी को अपने जीवन में एक अनिवार्य स्थान नहीं देंगे तो यह दूसरी भाषाओं की तरह प्रभावित हो सकती है।
इस अवसर पर विद्यालय की बहन तान्या राय, काजल वर्मा, अनन्या श्रीवास्तव, सरिता यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किये।