सामाजिक समरसता के ध्वजवाहक महंत अवेद्यनाथ जी महाराज : महामंडलेश्वर

गोरखपुर

ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की दसवीं पूर्णतिथि पर  दी गई श्रृद्धांजलि

विश्व हिंदू महासंघ द्वारा “सामाजिक समरसता हिंदुत्व का प्राण” गोष्ठी आयोजित

महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करते विश्व हिंदू महासंघ के पदाधिकारीगण।

 

गोरखपुर। विश्व हिंदू महासंघ द्वारा “सामाजिक समरसता हिंदुत्व का प्राण” गोष्टी का आयोजन जटाशंकर स्थित विश्वकर्मा मंदिर परिसर आयोजित हुआ। ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की दसवीं पूर्णतिथि बुधवार को एक गोष्टी आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी, विशिष्ट अतिथि दिग्विजय किशोर शाही, प्रेमनाथ दुबे, कमलेश शाही मौजूद रहे।

गोष्ठी में अपनी विचार प्रकट करती महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी।

गोष्टी को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर कनकेश्वरी नंद गिरी ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ जी महाराज सामाजिक समरसता और हिंदुत्व के ध्वजवाहक थे। उन्होंने अपने मठ मुख्य पुजारी कमल नाथ जी को बनाया, उन्होंने काशी के डोम राजा के वहां जाकर उनके परिवार द्वारा पकाया हुआ भोजन को किया। सदियों से बिखरी पड़ी हिंदू एकता की सभी कड़ियों को परस्पर मजबूती से जोड़ कर एक सशक्त समाज की रचना की।

उन्होंने जाति, पाती, ऊंच, नीच, छुआछूत, अगड़ा, पिछड़ा, दीन, दलित जैसे को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया है। हिंदुत्व की अलख जगाने वाले महंत अवेद्यनाथ जी महाराज को कोई भूल नहीं सकता। अयोध्या श्रीराम मंदिर निर्माण करने के ध्वजवाहक रहे हैं।

ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए।

उन्होंने ही किन्नर समाज के लिए भी बहुत कुछ किया है। हम किन्नरों को भी मंदिर पहुंचने पर पूरा सम्मान मिलता रहा है। जो आज भी जारी है। बड़े महाराज जी के दिखाए हुए रास्ते को आज सीएम योगी आदित्यनाथ जी महाराज आगे बड़ा रहे हैं। जब से उत्तर प्रदेश राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ जी महाराज हैं तभी प्रदेश खुशहाली की ओर अग्रसर है। आज बहु बेटी सभी को सम्मान मिलता है।

रोहाणी श्रीवास्तव, रेखा श्रीवास्तव, प्रेमनाथ दुबे, दिग्विजय किशोर शाही, डॉ कमलेश शाही ने भी अपना विचार प्रकट किया।

अध्यक्षता ई राजेश्वरी प्रसाद विश्वकर्मा ने किया।

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