मातेश्वरी सेवा दरबार के लगी भक्तों की भीड़

आस्था

108 कन्याओं के पांव पखार कर किया पूजा-अर्चना

दस दिवसीय मातेश्वरी महायज्ञ, श्रीमद्भागवत कथा एवं शक्ति लीला का समापन 

वैदिक मंत्रोच्चाम के बीच मां जगत जननी महामाया पचपेड़वा वाली श्री पारो माता का हुआ पूजन-अर्चन 

गोरखपुर। मातेश्वरी सेवा दरबार के तत्वावधान में वासंतिक चैत्र नवरात्रि पर आयोजित मातेश्वरी महायज्ञ, श्रीमद्भागवत कथा एवं शक्ति लीला का समापन शुक्रवार को मंत्रोचार के बीच हुआ। इस समापन समारोह में एक विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया।

भण्डारे के आरम्भ में वैदिक मंत्रोच्चाम के बीच मां जगत जननी जगदम्बा महामाया पचपेड़वा वाली श्री पारो माता का पूजन-अर्चन से किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ में सर्वप्रथम 108 कन्याओं के पांव पखार कर पूजन-अर्चन किया गया। सभी भोजन ग्रहण कराने के बाद चुनरी ओढ़ाकर दक्षिणा देकर आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके पश्चात विशाल भण्डारे का आयोजन दरबार परिसर में किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर अपनी आस्था व श्रद्धा अर्पित की। सभी ने कतारबद्ध होकर भण्डारे में प्रसाद को ग्रहण किया। सायं 5 बजे से शुरू भण्डारे का कार्यक्रम देर रात्रि तक चलता रहा। देर रात में 1008 दीपों से महामामा आदिशक्ति की महाआरती के साथ दस दिवसीय धार्मिक आयोजन का संपन्न हुआ। इस दौरान भजन संध्या, माँ भगवती जागरण व माता मातेश्वरी सत्संग का आयोजन किया गया। माता मातेश्वरी सत्संग में भक्तों ने श्री माता गुरु श्री द्वारा प्राप्त ज्ञान किया। सद्गुरु ने बताया कि भक्त की भक्ति पतिव्रता नारी की भाँति होनी चाहिए। भक्त जन ” जय माता दी” महामंत्र के ज्ञान के सहारे माता आदिशक्ति की भक्ति कर अपने आपको खुशहाल बना सकते हैं। शक्तिलीला में महिषासुर मर्दिनी की झांकी प्रस्तुत की गयी।
कार्यक्रम में राजदेव जायसवाल, आचार्य सुनील, फूलचन्द शर्मा, गणेश शर्मा, अरुण त्रिपाठी, आलोक राम, बेचन, रविन्द्र रावत, ईश्वरचन्द, विद्यासागर, सुरेन्द्र, मुस्कान, महेन्द्र कुमार, जीतन सेठ, दयानन्द गुप्ता, राजेश्वरी माता, रिकेश्वरी देवी, रीता चौरसिया, मंतीरा देवी, संजू मालिन, धर्मशीला, राम, फूलमती देवी, गुड्डी देवी, प्रवीन, दीपांकर, बबलू प्रजापति, ओम्, सुगन्धम्, पुप्प, जितेन्द्र, अनिल, गुड्डू, प्रहलाद समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

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