विश्व हिंदू परिषद ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के की मांग, राज्यपाल को भेजा पत्र

गोरखपुर

सरकार द्वारा अधिग्रहित मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के संदर्भ में जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

गोरखपुर। विश्व हिंदू परिषद द्वारा गुरुवार को जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा गया। पत्र में सरकार द्वारा अधिग्रहित मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के संदर्भ में लिखा गया था। पत्र को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को जिलाधिकारी के द्वारा भेजा गया है। विश्व हिंदू परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को सिविल लाइन स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर सौंपा गया।

गोरखपुर जिलाधिकारी कार्यालय पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह मंत्री सगुण श्रीवास्तव के नेतृत्व में विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकारों द्वारा अधिग्रहित मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के संदर्भ में महामहिम राज्यपाल महोदय को संबोधित ज्ञापन सौंपा और प्रमुख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की।

जिलाधिकारी को ज्ञापन देने जाते प्रतिनिधि मंडल में दुर्गेश त्रिपाठी, सगुण श्रीवास्तव, विभाग मंत्री शीतल मिश्र, विष्णु प्रताप सिंह, संजीत श्रीवास्तव व अन्य।

हिंदू आस्था के प्रमुख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने जिला अधिकारी कार्यालय को ज्ञापन दिया। गोरखपुर जिलाधिकारी कार्यालय पर विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह मंत्री सगुण श्रीवास्तव के नेतृत्व में विश्व हिंदू परिषद कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकारों द्वारा अधिग्रहित मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के संदर्भ में महामहिम राज्यपाल महोदय को संबोधित ज्ञापन सौंपा और प्रमुख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की।
इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सह मंत्री सगुण श्रीवास्तव ने बताया कि अभी हाल ही में तिरुपति बालाजी के प्रसाद लड्डू में चर्बी और कुछ मछली के तेल मिलाने की शिकायत पाई गई थी जो अत्यंत दुखद है वास्तव में हिंदू आस्था के केदो पर जो सरकारी नियंत्रण है इसी की वजह से सारी घटनाएं संभव हो पा रही हैं। उन्होंने बताया कि सरकारी नियंत्रण के नाते मंदिरों में प्रसाद और अन्य सामग्रियों में विभिन्न तरह की मिलावटें कर हिंदू अस्थाओं को चोट पहुंचा जा रहा है। सरकारी नियंत्रण के चलते ही हिंदू आस्था के केदो से प्राप्त धन का व्यापक दुरुपयोग हो रहा है विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने सरकार से मांग की है कि हमारे हिंदू आस्था के केदो पर सरकारी नियंत्रण को समाप्त कर हिंदुओं को सौप जाए उन्होंने यह भी कहा कि हिंदुओं पर सरकारी नियंत्रण वास्तव में संविधान की मूल भावना की विपरीत है और यह केवल उसी का दुरुपयोग करके हिंदुओं के प्रमुख मंदिरों पर सरकार अपना नियंत्रण स्थापित कर रही है जबकि अन्य धर्म के धार्मिक स्थल पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहता है इसी के चलते हमारे हिंदू मंदिरों पर तमाम तरह की दिक्कतें उत्पन्न हो रही है और यहां से प्राप्त आय को हिंदुओं के उत्थान एवं कार्यों के लिए खर्च न करके सरकारी विधर्मियों के उत्थान एवं उनके कार्य के लिए खर्च कर रही है।
इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद प्रांत के प्रचार प्रमुख श्री दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया की आजादी के 77 वर्ष बाद भी सरकारों का हिंदू धर्म स्थलों पर नियंत्रण कहीं से उचित नहीं है और यह संविधान की मूल भावना के भी विपरीत है उन्होंने सरकार से मांग की है कि देश के सभी प्रमुख हिंदू धर्म स्थलों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कर हिंदुओं को सौप जाए।कई अन्य राज्य सरकारें भी मंदिरों की संपत्ति व आय का निरंतर दुरुपयोग करती रहती हैं तथा उनका उपयोग गैर हिंदू और हिंदू विरोधी कार्यो में करती रही है।
मान्यवर, हमारे देश में संविधान के सर्वोपरि होने की दुहाई बार-बार दी जाती है परंतु दुर्भाग्य से हिंदुओं की आस्थाओं के केंद्र मंदिरों पर विभिन्न सरकारें अपना नियंत्रण स्थापित कर हिंदुओं की भावनाओं के साथ सबसे घृणित धोखाधड़ी संविधान की आड़ में ही कर रही हैं। जो सरकारें संविधान की रक्षा के लिए निर्माण की जाती हैं वे ही संविधान की आत्मा की धज्जियां उड़ा रही है। अपने निहित स्वार्थ के कारण मंदिरों का अधिग्रहण कर वे संविधान की धारा 12, 25 व 26 का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन कर रही हैं।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विभाग मंत्री शीतल मिश्र उत्तरी जिले के जिला अध्यक्ष विष्णु प्रताप सिंह, दक्षिणी जिले के जिला अध्यक्ष सूर्य नाथ सिंह, विभाग संयोजक बजरंग दल विनोद मिश्र, विश्वजीत शाही देवेश वैश्य, संजीत श्रीवास्तव, विश्वजीत विशु समेत विश्व हिंदू परिषद के प्रांत एवं विभाग के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

Related Articles