संवेदनशीलता से करें जन समस्याओं का निस्तारण, लापरवाही बर्दास्त नहीं: मुख्यमंत्री
गोरखपुर
संवेदनशीलता व शीघ्रता से करें जन समस्याओं का निस्तारण, लापरवाही अक्षम्य: मुख्यमंत्री
जनता दर्शन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुनीं 200 लोगों की समस्याएं
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए जन समस्याओं के पारदर्शी और संतुष्टिपरक निस्तारण के निर्देश
गोरखपुर, 29 सितंबर। गोरखपुर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन में आए लोगों से मुलाकात की। ध्यानपूर्वक उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को निर्देशित किया कि जन समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाए, इसमें किसी भी तरह की शिथिलता या लापरवाही नहीं होनी चाहिए। हर समस्या का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण, पारदर्शी और संतुष्टिपरक होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जनता की हर समस्या का समाधान सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है और इसमें किसी भी स्तर पर शिथिलता अक्षम्य होगी।
गोरखनाथ मंदिर परिसर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में आयोजित जनता दर्शन में कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद पहुंचे और एक-एक करके सबकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने करीब 200 लोगों से मुलाकात की। उन्होंने सबको आश्वस्त किया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। सबके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित करते हुए त्वरित निस्तारण का निर्देश देने के साथ मुख्यमंत्री ने लोगों को भरोसा दिलाया कि सरकार हर पीड़ित की समस्या का समाधान कराने के लिए दृढ़ संकल्पित है। उन्होंने अधिकारियों को यह भी हिदायत दी कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले, कमजोरों को उजाड़ने वाले किसी भी सूरत में बख्शे न जाएं। उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री के समक्ष जनता दर्शन में कई लोग इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर पहुंचे थे। सीएम योगी ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज के लिए भरपूर मदद करेगी। उनके प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को हस्तगत करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज से जुड़ी इस्टीमेट की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूर्ण करा कर शासन में उपलब्ध कराया जाए। इस दौरान उन्होंने सभी पात्रों को आयुष्मान योजना से आच्छादित करने के भी निर्देश अफसरों को दिए। जनता दर्शन में आए राजस्व व पुलिस से जुड़े मामलों को उन्होंने पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ निस्तारित करने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी के साथ भी अन्याय नहीं होना चाहिए। हर पीड़ित के साथ संवेदनशील व्यवहार अपनाते हुए उसकी सहायता की जानी चाहिए।