श्रीराम और हनुमान का मिलन, बालि का बध कर मित्र सुग्रीव को बनाया किष्किंधा का राजा

गोरखपुर

मुरादाबाद के पंकज दर्पण अग्रवाल (कार्तिकेय संस्था) का चित्रण मंचन के आठवें दिन “सुग्रीव और श्रीराम की मित्रता”

हनुमान जी अपने प्रभु श्रीराम और भईया लक्ष्मण को कंधे पर बिठाकर महाराज सुग्रीव के पास ले गए 

बाली और सुग्रीव से घनघोर युद्ध हुआ अंत: बलि का बध और सुग्रीव को किष्किंधा का राज

गोरखपुर। श्री श्री रामलीला समिति आर्य नगर मानसरोवर मे (कार्तिकेय संस्था) मुरादाबाद के पंकज दर्पण अग्रवाल का चित्रण मंचन के आठवें दिन सप्तमी तिथि बुधवार को माता सीता की खोज में प्रभु श्रीराम, भईया लखन, माता शबरी के आश्रम से किष्किंधा के लिए बढ़ाते हैं। इधर सुग्रीव को सूचना मिलती है की दो युवक आ रहे हैं तपस्वी देश में तो सुग्रीव जी हनुमान जी को उनका पता लगाने के लिए भेजते हैं। हनुमान और श्री राम का मिलन होता है। हनुमान जी भगवान श्रीराम और भईया लक्ष्मण को कंधे पर बैठकर महाराज सुग्रीव के पास लाते हैं। सुग्रीव और राम के मित्रता होती है। सुग्रीव के दुख को दूर करने के लिए राम जी बाली का वध करने का निर्णय लेते हैं और एक ही बन से सात ताड़ के वृक्ष को गिरा देते हैं। इस पर सुग्रीव को लगता है कि रामजी बालि का वध कर देंगे। सुग्रीव बाली को युद्ध के लिए ललकारते हैं बाली ही आता है दोनों भाई एक जैसे थे इस नाते श्री राम बाली पर तीर नहीं चला पाते हैं । बाली, सुग्रीव को बहुत मारता है सुग्रीव भाग करके आते हैं इस पर राम जी पुनः उनको भेजते हैं, दोबारा जब बाली आता है। सुग्रीव से घनघोर युद्ध होता है। इस बार राम जी सुग्रीव को माला पहना देते हैं और बालि का वध कर देते हैं। सुग्रीव को किष्किंधा का राज देते हैं। सुग्रीव राज के भोग विलास में लिप्त हो जाते हैं फिर लक्ष्मण अभी सुग्रीव के पास आते हैं सुग्रीव को अपने गलती का एहसास होता है और सुग्रीव हनुमान जामवंत सहित सभी बंदरो को एकत्रित करते हैं और माता सीता की खोज में भेजते हैं ।हनुमान जी, अंगद ,जामवंत के साथ समुद्र पर पहुंचता है और हनुमान जी समुद्र पार करके जाते हैं माता सीता से मिलते हैं और फिर फल खाने जाते हैं जहां अक्षय कुमार का वध करते हैं। इंद्रजीत आता है और उन्हें ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करता है और बांधकर रावण के पास ले जाता है । रावण और हनुमान जी में संवाद होता है और विभीषण के कहने पर रावण हनुमान का वध नहीं करता है और उनके पूछ में आग लगाने का निर्णय लेता है । इस प्रकार हनुमान जी के पूछ में आग लगाई जाती है हनुमान जी अपनी पूछ को बढ़ते जाते हैं और जब आग लगाई जाती है तो अपने शरीर को छोटा कर लेते हैं और पूरे लंका में आग लगा देते हैं।

आरती में मुख्य रूप से मुख्य अतिथि सदर सांसद रवि किशन शुक्ला, रेवती रमन दास अग्रवाल, समृद्धि, पुष्पदंत जैन, योगेन्द्र दुबे, राजीव रंजन अग्रवाल, कनक हरी अग्रवाल शामिल थे।

जिसमें मुख्य रूप से दिप जी अग्रवाल,मनीष अग्रवाल,नवोदित त्रिपाठी,संतोष राजभर, अमन गोड़, अनुराग गुप्ता भागवत दास अग्रवाल व अन्य लोग उपस्थित रहे।

श्री राम लीला समिति के मीडिया प्रभारी अनुराग गुप्ता ने बताया कि कल विभीषण सरनागत, अंगद रावण संवाद, रामवेस्वर स्थापना, मेघनाथ-लछमण युद्ध का मंचन किया जायेगा।

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