साहित्यकार समाज को नई दिशा देते हैं : अनन्त मिश्र
गोरखपुर
गोरखपुर। साहित्यकार समाज के दर्पण हैं वे समाज को नई दिशा देते है उक्त बातें आधारशिला द्वारा बंगाल से आए तीन साहित्यकारों के सम्मान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कहा वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व अध्यक्ष हिन्दी विभाग, दी द उ गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रोफेसर अनन्त मिश्र ने कहा।
आधारशिला द्वारा आयोजित साहित्यकार, कवि, रंगकर्मियों का सम्मान समारोह दुर्गा बाड़ी परिसर में मंगलवार को किया गया। इस अवसर पर बंगाल के तीन कवि और साहित्यकार को सम्मानित किया गया।
विशिष्ठ अतिथि पूर्व निदेशक प्रद्योगिक विश्वविद्यालय प्रो अलक राय ने कहा कि कवि और साहित्यकार समाज के दर्पण होते हैं उनका सम्मान जरुरी है। वरिष्ठ साहित्यकार डां वेद प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि साहित्य कला संस्कृति संरक्षण के क्षेत्र में बंगाल काफी आगे है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते सुप्रसिद्ध होम्यो चिकित्सक डा रुप कुमार बनर्जी ने कहा कि आधारशिला सदैव साहित्यकार, कवि, रंगकर्मियों का सम्मान करती आ रही है। आज बंगाल के तीन कवि और साहित्यकार को सम्मानित करना हमारे लिए गर्व का विषय है।
इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ रंगकर्मी तमाल आचार्या एवं बांग्ला साहित्यकार प्रदीप कुमार विश्वास ने कहा कि साहित्यकार एवं कवि समाज के अच्छे बुरे गतिविधियों एवं कार्यों को अपने लेखन के माध्यम से समाज के सभी वर्ग को जागरुक करनें का कार्य करते हैं।
इसके पूर्व मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डां अनन्त मिश्र विशिष्ठ अतिथि प्रो अलक राय, डा वेद प्रकाश पाण्डेय, डा रुप कुमार बनर्जी, चैताली बनर्जी एवं दीपक चक्रवर्ती “निशांत” ने बंगाल से आए साहित्यकार एवं कवि श्री मती रानू राय, श्री मती बेबी करफरमा एवं श्री पवन कुमार साहा को अंग वस्त्र, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
विशेष रुप से आधारशिला के सलाहकार शिक्षाविद् डा राजेश चन्द्र गुप्त ने अपनी लिखी एक पुस्तक सम्मान प्राप्त साहित्यकारों को भेंट किया. कार्यक्रम का सफर संचालन श्रीमती चैताली बनर्जी ने किया।
इस दौरान श्रीमती अनीता शुक्ला, श्रीमती प्रतिमा चक्रवर्ती, विरेन्द्र पाल श्रीमती सारिका राय, विरेन्द्र कुमार सिंह, सत्य शरण दास,विष्णु देव शर्मा,अशोक देव नीलू, रामानन्द,दिव्येन्दु बराट, संजय श्रीवास्तव,संजय पाण्डेय, विनय कुमार शर्मा, वेद प्रकाश, आदि का सहयोग रहा।