गुरुनानक तेरी जय होवे के गूंज में निकली शोभायात्रा
गोरखपुर
सिख समाज की शोभायात्रा में दिखी सेवा और भक्ति की लहर
जगह-जगह स्वागत कर लोगों ने दिया सामाजिक एकता का संदेश
गोरखपुर। सिख धर्म के संस्थापक सतगुरु श्री गुरुनानक देव के प्रकाशपर्व के अंतर्गत सोमवार को निकली भव्य शोभायात्रा देखने लायक रही। शोभायात्रा में गुरबाणी के भजनों की गूंज के साथ भक्ति और सेवा का ऐसा ज्वार था कि शहरवासी इसे देखकर मोहित हो गए।
शोभायात्रा का शुभारंभ शहर के प्रमुख गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा जटाशंकर से दोपहर 3 बजे अरदास के साथ हुआ। अरदास में पूर्व मेयर श्री मती सत्या पांडे भी सम्मिलित हुई । नगर कीर्तन का सबसे आगे पंजाब से आए बैंड पार्टी का आकर्षण, उसके पीछे सड़कों की सफाई व जल छिड़काव करते युवक- युवतिया, उसके बाद घोड़े पर सवार सशस्त्र पंच प्यारे भव्य रूप से सुसज्जित श्री गुरु ग्रंथ साहिब की अगवानी करते चल रहे थे। सबसे पीछे भारी संख्या में पैदल चल रही महिलाओं ने गुरबाणी गायकी से माहौल को भक्तिमय बनाए रखा था। शोभायात्रा जटाशंकर से प्रारंभ होकर आर्यनगर, बक्शीपुर, जुबली इंटर कॉलेज रोड, अग्रसेन तिराहा, टाउन हॉल गोलघर से धर्मशाला चौराहा होते हुए सायंकाल 7 बजे पुनः गुरुद्वारा जटाशंकर पहुंची, जहां आरती अरदास और भव्य पुष्प वर्षा के बाद गुरु का लंगर प्रसाद ग्रहण कर लोग अपने घर को प्रस्थान किए। शोभायात्रा की अगवाई कर रहे हैं गुरुद्वारा जटाशंकर के अध्यक्ष जसपाल सिंह जी ने बताया कि श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशपर्व के अंतर्गत 14 नवंबर की रात्रि गुरुद्वारा साहिब में भव्य कीर्तन दरबार और गुरु के लंगर प्रसाद का कार्यक्रम चलेगा, उसके बाद 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु महाराज का प्रकाशपर्व सुबह 8 से शाम 3 बजे और रात्रि 6 से 11 बजे तक बहुत ही भव्य रूप से मनाया जाएगा। श्री सिंह ने शोभायात्रा के सफल समापन पर समस्त अतिथियों, श्रद्धालुओं, आगंतुको एवं सेवादारों के प्रति आभार ज्ञापित किया।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश पंजाबी अकादमी के सदस्य जगनैन सिंह नीटू, मैनेजर राजेंद्र सिंह, चरनप्रीत सिंह मोंटू, डॉ दीपक सिंह, धर्मपाल सिंह, रविंदर पाल सिंह, हरप्रीत सिंह साहनी, कुलदीप सिंह नीलू, मनमोहन सिंह लाडे, मनजीत सिंह भाटिया, चिरंजीव सिंह हनी, सैयद असीम रउफ जोगिंदर सिंह, गुरमीत सिंह, अब्दुल्ला जी केशव मृगवानी, महेश रतलानी, नंदलाल लखमानी, मिन्नत जी बलवीर सिंह सहित बड़ी संख्या में विभिन्न समाज के लोगों की सहभागिता रही।