पीओडी के जरिये दिव्यांग कुष्ठ रोगियों के मदद की पहल

संजीवनी

चरगांवा ब्लॉक में एक वर्ष तक दिव्यांग कुष्ठ रोगियों का किया जाएगा संवेदीकरण

कुष्ठ से बने घाव की सही तरीके से देखभाल करने से मिलता है आराम

गोरखपुर। दिव्यांग कुष्ठ रोगियों के जीवन को सामान्य बनाने के लिए प्रिवेंशन ऑफ डिफार्मेटी (पीओडी) कार्यक्रम की पहल चरगांवा ब्लॉक क्षेत्र में की गयी है। इसके तहत एक वर्ष तक इस ब्लॉक के सभी दिव्यांग कुष्ठ रोगियों का संवेदीकरण किया जाएगा। इससे वह अपने दिव्यांग अंग व घाव की सही तरीके से देखभाल कर सकेंगे। यह जानकारी जिला कुष्ठ निवारण अधिकारी डॉ गणेश यादव ने दी ।

उन्होंने बताया कि चरगांवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मंगलवार को दूसरी बार पीओडी का आयोजन किया गया। इसमें कुष्ठ रोगियों के बीच से ही प्रमोटर का भी चुनाव किया गया । यह प्रमोटर क्षेत्र के सभी कुष्ठ रोगियों को पीओडी और अन्य सरकारी सुविधाओं से जोड़ने में मदद करेगा । जिला कुष्ठ रोग परामर्शदाता डॉ भोला गुप्ता ने वहां के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय कुशवाहा, कुष्ठ रोग विभाग के महेंद्र चौहान और विनय श्रीवास्तव के साथ दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को सरकार के विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी दी । कार्यक्रम में सहयोग कर रही स्वयंसेवी संस्था नीदरलैंड रीलिफ इंडिया के राज्य कुष्ठ पुनर्वास समन्वयक बिपिन सिंह ने कुष्ठ रोगियों को स्व रक्षा का अभ्यास कराया।

जंगल धूषण निवासी 23 वर्षीय दिव्यांग कुष्ठ रोगी जयप्रकाश साहनी के हाथों की अंगुलियों में दिव्यांगता है। उन्हें इस कार्यक्रम के तहत प्रमोटर भी चुना गया है। वह बताते हैं कि अगर स्व रक्षा के उपाय न अपनाएं तो त्वचा सूख जाती है और उंगलियां फटने लगती हैं। दिव्यांगता प्रभावित अंग की देखभाल करने से त्वचा मुलायम रहती है। पीओडी कार्यक्रम में आने से दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को उनके अधिकारों के बारे में भी जानकारी मिल रही है। सेल्फ केयर किट दी जाती है और आवश्यकतानुसार मल्टी सेल्यूलर (एमसीआर) चप्पल भी दिये जा रहे हैं।

 

ऐसे करनी है देखभाल

नान मेडिकल सुपरवाइजर विनय श्रीवास्तव बताते हैं कि कुष्ठ रोगी को एक टब में सामान्य पानी डाल कर आधे घंटे तक प्रभावित अंग को रखना है । उसके बाद साफ तौलिये से थपकी देकर सुखाना है । फिर नारियल या सरसो का तेल लगाना है। रात में सोते समय यह अवश्य देखना है कि प्रभावित अंग में कहीं कोई घाव तो नहीं बन रहा है। ऐसा होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाना है।

तुरंत लें चिकित्सकीय सलाह

डॉ यादव ने बताया कि अगर शरीर में चमड़ी के रंग से हल्के रंग का कोई भी सुन्न दाग धब्बा हो तो यह कुष्ठ रोग हो सकता है । इसके जांच और इलाज की सुविधा सभी ब्लॉक और जिला स्तरीय सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है । लक्षण दिखते ही जांच करवा कर इलाज शुरू कर देना चाहिए।

Related Articles