पुष्पवर्षा व जयकारों के बीच हुआ श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा का नगर प्रवेश, धूमधाम से हुई महाकुंभ 2025 की शुरुआत
महाकुंभ
महाकुंभ 2025 की शुरुआत धूमधाम से हुई जिसमें श्रीमहानिर्वाणी अखाड़े का भव्य नगर प्रवेश हुआ। मां अलोपशंकरी मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद संतों का कारवां निकला। नागा संन्यासी अखाड़ा के इष्ट भगवान कपिलमुनि की पालकी लेकर आगे-आगे चल रहे थे। वहां अराध्य की पालकी स्थापित करके संतों ने पूजन किया। इस दौरान पुष्पवर्षा और जयकारों से संतों का स्वागत किया गया।
महाकुंभ। ध्वज-पताका बैंडबाजा के साथ श्रीमहानिर्वाणी अखाड़ा का भव्य नगर प्रवेश हुआ। मां अलोपशंकरी मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद संतों का कारवां निकला। नागा संन्यासी अखाड़ा के इष्ट भगवान कपिलमुनि की पालकी लेकर आगे-आगे चल रहे थे। इनके पीछे-पीछे अखाड़े का ध्वज लेकर संत निकले।
संत जिस मार्ग से निकले वहां पुष्पवर्षा करके लोगों ने उनका स्वागत किया। विभिन्न मार्गों से होते हुए नगर प्रवेश यात्रा भरद्वाजपुरम स्थित श्रीमहानिर्वाणी वाटिका पहुंची। वहां अराध्य की पालकी स्थापित करके संतों ने पूजन किया।
अखाड़े के सचिव श्रीमहंत यमुना पुरी ने बताया कि श्रीमहानिर्वाणी वाटिका में एक जनवरी तक संत प्रवास करेंगे। दो जनवरी को यहीं से अखाड़े का छावनी प्रवेश होगा। यहां से संत महाकुंभ मेला क्षेत्र स्थित शिविर में जाकर प्रवास करेंगे।
नगर प्रवेश की यात्रा में अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रमेश गिरि, श्रीमहंत यमुना गिरि, श्रीमहंत देवगिरि, श्रीमहंत कमल पुरी, श्रीमहंत रवींद्र गिरि, श्रीमहंत अखिलेश भारतीय, श्रीमहंत रामेंद्र पुरी, श्रीमहंत महेश गिरि, श्रीमहंत अखिलेश भारतीय, श्रीमहंत किशन गिरि आदि शामिल रहे।
गाइड के रूप में काम करेगा कुंभ सहायक चैटबाट
डिजिटल महाकुंभ की संकल्पना को साकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कुंभ सहायक चैटबाट लांच कर दिया है। इस चैटबाट का उद्देश्य महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुविधाजनक बनाना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार महाकुंभ को पहले की तुलना में अधिक दिव्य और भव्य बनाना चाहते हैं। उन्होंने अफसरों को डिजिटल महाकुंभ को प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसी क्रम में यह चैटबाट विकसित किया गया। कुंभ सहायक एआइ चैटबाट देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को महाकुंभ से जुड़ी सभी जानकारियां पलक झपकते उपलब्ध करा देगा।
यह देश की 11 भाषाओं में श्रद्धालुओं का मददगार साबित होगा। इससे बोलकर या लिखकर सवाल पूछ सकते हैं। साथ ही जवाबों को अपनी भाषा में सुन भी सकते हैं। हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, मराठी, पंजाबी, बंगाली, उर्दू में जवाब देने में यह सक्षम है।
प्रमुख विशेषताएं
व्यक्तिगत कुंभ तस्वीर को बना सकते हैं यादगार
श्रद्धालु अपनी तस्वीर अपलोड करके महाकुंभ की पृष्ठभूमि के साथ एक व्यक्तिगत तस्वीर प्राप्त कर सकते हैं। जिसे वे कुंभ मेले के यादगार के रूप में सहेज एवं शेयर सकते हैं। आध्यात्मिक गुरुओं से जुड़ी विस्तृत जानकारी लें। श्रद्धालु महाकुंभ का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक व धार्मिक महत्व, प्रमुख तिथियां भी इसकी मदद से जान सकते हैं।
ऐसे करें चैटबाट का उपयोग
8887847135 पर भेजें नमस्ते चैटबाट का उपयोग वाट्सएप, महाकुंभ मेला एप व महाकुंभ वेबसाइट के माध्यम कर सकते हैं। वाट्सएप नंबर 8887847135 को पहले सेव करें और फिर वाट्सएप पर जाकर नमस्ते लिखकर भेंजे।