टेराकोटा कला का सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ

गोरखपुर

दो हजार साल पुरानी टेराकोटा कला को पुनः जीवंत करना अत्यन्त गौरव की बात : डाॅ0 शिवशरण दास

गौरवशाली इतिहास, कला एवं संस्कृति से रूबरू कराना सराहनीय पहल : डाॅ0 यशवन्त सिंह

गोरखपुर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा गोरखपुर (औरंगाबाद) की टेराकोटा कला का सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ।

शुभारम्भ संग्रहालय के प्रदर्शनी कक्ष में दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ0 शिवशरण दास, प्रोफेसर (सेवानिवृत्त) पूर्व अधिष्ठाता छात्र कल्याण, दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय तथा विशिष्ट अतिथि डाॅ0 विजय लक्ष्मी मिश्रा, प्रबन्धक, चन्द्रकान्ति रमावती देवी आर्य महिला पी0जी0 कालेज सहित कार्यशाला के मुख्य प्रशिक्षक भास्कर विश्वकर्मा, मूर्तिकार एवं सह प्रशिक्षक, अनिल प्रजापति कुम्हारी कला के मूर्तिकार उपस्थित रहे। इस कार्यशाला में कुल 52 प्रतिभागियों ने आवेदन किया।
मुख्य अतिथि डाॅ0 शिव शरण दास ने अपने सम्बोधन में कहा कि संग्रहालय द्वारा हमारी दो हजार साल पुरानी टेराकोटा कला के क्षेत्र में स्नातक, परास्नातक एवं शोध छात्र-छात्राओं को उक्त प्रशिक्षण के माध्यम से प्रशिक्षित करने हेतु कार्यशाला का आयोजन किया जाना अत्यन्त गौरव की बात है। मैं इस कार्यशाला से इतना प्रभावित हूॅं कि अगली बार मैं स्वयं प्रतिभागी के रूप में उपस्थित होने का प्रयास करूंगा। संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न रचनात्मक कार्यशाला/गतिविधियों का निरन्तर आयोजन किया जा रहा है। भारतीय संस्कृति एवं कला को वर्तमान परिवेश में सुरक्षित, संरक्षित तथा वर्तमान युवा पीढ़ी को संग्रहालय से जोड़कर उन्हें भारत की प्राचीन गौरवशाली इतिहास, कला एवं संस्कृति से परिचित कराना अत्यन्त सराहनीय पहल है।


संग्रहालय के उप निदेशक, डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर ने कहा कि संग्रहालय में प्रथम बार टेराकोटा कला की सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ किया गया है। कार्यशाला में प्रयास किया जा रहा है कि सभी प्रतिभागी गोरखपुर की इस सुप्रसिद्ध टेराकोटा कला से परिचित हो सकें तथा इसकी अनुभूति स्वयं कर सकें। टेराकोटा कला मानव इतिइास की प्राचीनतम कलाओं में से एक है। कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को टेराकोटा कलाकृतियों को बनाने से लेकर पकाने एवं रंगने आदि की तकनीकी से परिचित कराया जाएगा। दिनांक 17 जनवरी, 2025 को इस कार्यशाला में सृजित कलाकृतियों की प्रदर्शनी का आयोजन सभी के अवलोकनार्थ किया जाएगा। कार्यशाला के चयनित प्रतिभागियों को प्रदर्शनी के दिन सम्मानित भी किया जायेगा। मुख्य एवं विशिष्ट अतिथि को संग्रहालय की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।


उक्त अवसर पर वरिष्ठ चित्रकार कुलवंत सिंह सहित चन्द्रकान्ति रमावती देवी आर्य महिला महाविद्यालय, प्रवक्ता डाॅ0 रेखा रानी शर्मा, डाॅ0 रेखा श्रीवास्तव एवं डाॅ0 अपर्णा मिश्रा आदि की उपस्थिति रही।

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