मानसरोवर मंदिर से निकली कलश व देव विग्रह रथयात्रा
श्रद्धा
बैंड बाजे के बीच निकली भव्य शोभायात्रा
गोरखनाथ मंदिर में बने नौ देवी-देवताओं के नवीन मंदिरों में विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में धार्मिक अनुष्ठान के द्वितीय चरण का शुभारंभ
मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में धार्मिक अनुष्ठान
रुद्राभिषेक कर सीएम योगी ने किया भव्य कलशयात्रा का शुभारंभ
जय श्रीराम के उद्घोष संग बही भक्ति की बयार
गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर के परिसर में बने नौ देवी-देवताओं के नवीन मंदिरों में विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में धार्मिक अनुष्ठानों के द्वितीय चरण का शुभारंभ सोमवार सुबह मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में हुआ। मुख्यमंत्री ने अंधियारी बाग स्थित प्राचीन मानसरोवर मंदिर में विधिविधान से देवाधिदेव महादेव का रुद्राभिषेक किया और तत्पश्चात पांच कन्याओं को जलभरा कलश सौंपकर कलशयात्रा का शुभारंभ किया। यह कलशयात्रा 21 मई तक होने वाली श्रीमद्भागवतपुराण कथा ज्ञानयज्ञ एवं श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के लिए निकाली गई। इस अवसर पर रथ पर विराजित सभी नौ नवीन देव विग्रहों की रथयात्रा भी निकाली गई। यात्रा के गोरखनाथ मंदिर पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने यज्ञशाला में कलश स्थापना की और पंचांग पूजन किया।
सोमवार सुबह मानसरोवर मंदिर पहुंचे सीएम योगी ने भगवान भोलेनाथ का दर्शन-पूजन किया। शिव जी को प्रिय विल्वपत्र, दुर्वा समेत अनेक सामग्रियों का अपर्ण करते हुए वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रुद्राभिषेक का अनुष्ठान पूर्ण किया। रुद्राभिषेक के उपरांत वह जलाशय पर पहुंचे जहां बड़ी संख्या में साधु-संत महिला-पुरूष श्रद्धालु, वेदपाठी विद्यार्थी, आचार्यगण, यजमान आदि पहले से उपस्थित थे। यहां मुख्यमंत्री ने सरोवर पूजन कर पांच कन्याओं को जल से भरा कलश सौंपकर कलश व रथयात्रा का शुभारंभ किया। इसके बाद यह यात्रा गोरखनाथ मंदिर के लिए चल पड़ी।
रंग से लेकर तरंग तक, सब कुछ भक्तिभाव में सराबोर
शोभायात्रा में सबसे आगे शंख बजाते हुए वेदपाठी विद्यार्थी देव विग्रहों की अगवानी करते हुए चल रहे थे। बैंडबाजों की धुन के अनुगूंज के बीच यात्रा में सजाए गए रथों पर विराजित वह देव विग्रह थे जिनकी प्राण प्रतिष्ठा आगामी 21 मई को गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के हाथों होनी है। इसके बाद साधु संतों की टोली संग यजमानगण। साधु-संतों के मार्गदर्शन में बड़ी संख्या में केसरिया व पीतवस्त्रधारी महिलाएं व कन्याएं जब सिर पर आस्था का कलश लेकर आगे बढ़ रहीं थीं तो राहगीरों के मस्तक श्रद्धा से झुक जा रहे थे। कलशधारी श्रद्धालुओं के पीछे वेदपाठी छात्र जय श्रीराम का उद्घोष करते तो सभी जन जयघोष में सुर मिलाते रहते। इस भव्य यात्रा में रंग से लेकर तरंग तक सबकुछ भक्तिभाव में सराबोर था। पीले कुर्ते-धोती व केसरिया पगड़ी पहने वेदपाठी विद्यार्थियों का शंखनाद व जय श्रीराम का उद्घोष नयनाभिराम था और कर्णप्रिय भी।
गोरक्षपीठाधीश्वर ने की कलश स्थापना, किया पंचांग पूजन
कलश व रथयात्रा का समापन गोरखनाथ मंदिर परिसर में नवीन मंदिरों के समक्ष स्थित यज्ञशाला पर हुआ। यहां सभी के कलश यज्ञशाला में कतारबद्ध तरीके से रखवाए गए। इसके पश्चात मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने यज्ञशाला में वेदी पर कलश पूजन तथा पंचांग पूजन कर श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ के अंतर्गत होने वाले धार्मिक अनुष्ठान को आगे बढ़ाया। यज्ञशाला में 21 मई तक प्रतिदिन प्रातः आठ बजे से 12 बजे तक तथा अपराह्न दो बजे से पांच बजे तक अलग अलग धार्मिक अनुष्ठान होंगे। कलशयात्रा में शामिल सभी श्रद्धालुओं के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर मंदिर के अन्नक्षेत्र में जलपान की व्यवस्था की गई थी।
कलश व रथयात्रा में गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, मिथिलेशनाथ, मंदिर के मुख्य पुरोहित रामानुज त्रिपाठी वैदिक, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, चचाईराम मठ के महंत पंचानन पुरी, गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह, विधायक कपिलवस्तु श्यामधानी राही, विधायक मेंहदावल अनिल तिवारी, पूर्व विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव, ई. पीके मल्ल, अरुणेश शाही, रणजीत सिंह, कथा के यजमान विष्णु प्रसाद अजीतसरिया, ओमप्रकाश जालान, अतुल सराफ, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, तन्मय मोदी, राजेश मोहन सरकार, शम्भू शाह, श्रवण जालान, प्रदीप जोशी, रमाकांत निषाद, पार्षद पवन त्रिपाठी, धर्मदेव चौहान, डॉ अरविन्द चतुर्वेदी, डॉ रोहित मिश्र, नित्यानंद त्रिपाठी, पुरुषोत्तम चौबे, ब्रजेश मणि मिश्र, द्वारिका तिवारी, वीरेंद्र सिंह, दुर्गेश बजाज, अमित सिंह मोनू, विनय गौतम आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।