श्री गोरखनाथ मंदिर में श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ
आस्था
गोरखपुर। श्री गोरखनाथ मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा अवसर पर श्री लक्ष्मी नारायण यज्ञ।
यज्ञ में गुरुवार को प्रातः आवाहित देवी देवताओं का षोडशोपचार पूजन हुआ। ब्रह्म, विष्णु ,महेश, इंद्र ,सूर्य वरुण आदि षोडस स्तंभों का पूजन। ऋग्वेद द्वार, यजुर्वेद द्वार, सामवेद द्वार तथा अथर्ववेद द्वार का पूजन, वैदिक ब्राह्मण पूजन हुआ। इसके उपरांत नैऋत्य कोण पर वास्तु देवी,वायव्य कोण पर क्षेत्रपाल, ईशान कोण पर प्रधान वेदी एवम् ध्वज तथा आग्नेय कोण पर चौषठ योगिनियों का पूजन वैदिक मंत्रों के बीच हुआ तथा आरती के साथ सुबह का पूजन कार्य संपन्न हुआ।
सायं काल में चारो द्वारों, वेदियों, का पूजन संपन्न हुआ तथा यज्ञ में आचार्य गण द्वारा आहुति डाली गई।
आज सभी मूर्तियों को अन्न अधिवास किया गया। यज्ञाचार्य पंडित रामानुज त्रिपाठी वैदिक ने सभी मूर्तियों को फल, घी, और पुष्प से ढक कर वैदिक मंत्रों के बीच मूर्तियों का फल, घृत व पुष्प अधिवास कराया गया।
पुराण पाठ प्रातः से 18 पुराणों का पाठ एवम् वैदिक मंत्रों का पूजन विद्वान आचार्य गण द्वारा संपन्न हुआ।
यज्ञ में योगी कमलनाथ महाराज व आज के मुख्य यजमान ने पूजन किया ।
समस्त अनुष्ठान मुख्य यज्ञाचार्य पंडित रामानुज त्रिपाठी वैदिक जी के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर यज्ञ के आचार्यगण डॉ॰ अरविन्द चतुर्वेदी, अश्वनी त्रिपाठी, आचार्य बृजेश मणि मिश्र, डॉ॰ प्रांगेश मिश्र, आचार्य पुरुषोत्तम चौबे, नित्यानन्द तिवारी, डॉ रोहित मिश्र, प्रवीण, ओमप्रकाश त्रिपाठी, डॉ हृदय नारायण शुक्ल, राम नारायण त्रिपाठी आदि का सहयोग रहा।