गोरक्षपीठ के देवलोक में शामिल नौ देव-विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा

गोरखपुर

जीवन में सकारात्मक बदलाव का कारण बनती है कथा : योगी

14 दिन से देवलोक में चल रहे अनुष्ठानों की पूर्णाहुति

मुख्यमंत्री ने दी यज्ञ में आहुति, की लोगों के मंगलमय जीवन की प्रार्थना

गोरखपुर। गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देव-विग्रहों के देवत्व भाव को अंतःकरण में धारण करने का अनुरोध किया। कहा कि हर मनुष्य को इसका प्रयास करना चाहिए। देव-विग्रहों की सुंदरता, उनका निर्माण करने वाले की योग्यता का प्रमाण है। इसलिए हर किसी को मंदिर परिसर में प्रवेश के समय स्वच्छता के प्रति आग्रही होना चाहिए। गोरक्षपीठ के देवलोक में रविवार को शामिल नौ देवविग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर योगी ने श्रीमद्भागवत को समसामयिकता से जोड़कर कथा का मर्म समझाया। कहा कि कथा जीवन में सकारात्मक बदलाव का कारण बनती है। ऐसे में सभी को इसका श्रवण करना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में नवनिर्मित नौ मंदिरों में देव-विग्रहों की विधिविधान से प्राण-प्रतिष्ठा की। सात दिन से चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के समापन और श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति के बाद उन्होंने कथाव्यास डा. श्याम सुंदर पाराशर के प्रति आभार भी ज्ञापित किया। प्राणप्रतिष्ठा के अवसर पर रविवार को मंदिर का माहौल उत्सवी रहा। सुबह से ही एक ओर श्रीमद्भागवतं महापुराण कथा की गूंज थी तो दूसरी ओर श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति के लिए वैदिक मंत्रों का उच्चारण चल रहा था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर बारी-बारी दोनों स्थानों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे। यज्ञ की पूर्णाहुति करने के बाद वाघ्यंत्रो की धुन और जयकारे के बीच उन्होंने देव-विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा कर व्यास पीठ की आरती उतारी।
मुख्यमंत्री ने गुरु गोरखनाथ व देवी-देवताओं से सभी के मंगलमय जीवन की प्रार्थना की। इसके बाद गोरखनाथ मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। प्राण-प्रतिष्ठा के लिए धार्मिक अनुष्ठान आठ के मई से ही चल रहे थे।

इन देव-विग्रहों की हुई प्राण-प्रतिष्ठा

श्रीहनुमान जी, श्रीराम दरबार, श्रीराधाकृष्ण, श्रीदशावतार विष्णु जी, श्रीनवग्रह मंदिर, श्रीसंतोषी माता, श्रीछट्ठी माता, श्रीहट्ठी माता जी और श्रीबाल देवी।

 

Related Articles