सुबह खेल कौशल का प्रदर्शन तो शाम लोक संस्कृति का अवलोकन

सांस्कृतिक

 

गोरखपुर। रामगढ़ताल की लहरों पर सुबह रोइंग प्रतियोगिता का रोमांच परवान चढ़ा तो शाम को इसकी जेटी लोक संस्कृति की देसी महक से सराबोर रही। गोरखपुरियों के साथ देश के विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों से आए खिलाड़ियों ने संस्कृति विभाग की तरफ से आयोजित सांस्कृतिक संध्या का खूब आनंद उठाया। पूर्वांचल के लोक गायन व ब्रज के मयूर नृत्य का अवलोकन कर ये खिलाड़ी यूपी की कला-संस्कृति को दिल में बसाते नजर आए।

सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत लोकगायक पवन पंक्षी ने खेल-कूद है शान हमारी, सबसे बेहतर काम। होगा तेरा नाम हो भइया होगा तेरा नाम… और बदरवा जा-जा जा तू अपने गांव से की। इसके बाद उनकी ही टीम की शीतल ने नदिया किनारे गोरी खाड़ि हो, बिंदिया ले गई मछरिया… की प्रस्तुति देकर खिलाड़ियों व दर्शकों को खूब रिझाया। लोक गायन के बाद गोवर्धन मथुरा से आए राजेश प्रसाद शर्मा एवं उनकी टीम ने मयूर नृत्य थीम पर ब्रज वंदना, फूलों की होली और लट्ठमार होली की शानदार प्रस्तुतियों से गोरखनगरी में ब्रज भूमि की संस्कृति का दर्शन कराया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रीता श्रीवास्तव ने किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र के प्रभारी डाॅ. मनोज कुमार गौतम की देखरेख में संपन्न हुआ। इस अवसर पर एडीएम सिटी विनीत कुमार सिंह, प्रशांत श्रीवास्तव, शिवेंद्र पांडेय सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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